आईएमए पूरी जांच प्रक्रिया को ही रोकने का अनर्गल दबाव प्रशासन पर डाल रहा है, उनके दोहरे रवैये की हम घोर निंदा करते हैं - आशुतोष द्विवेदी,अध्यक्ष ,जर्नलिस्ट क्लब
आजमगढ़ : सोमवार को शहर के रैदोपुर स्थित जर्नलिस्ट क्लब के कार्यालय में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें पत्रकारों से बात करते हुए क्लब के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष द्विवेदी ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के विगत दिन के बयान की घोर निंदा करते हुए कहा कि पत्रकारों और पत्रकारिता को डराने की कोशिश न की जाए। हम जनता की आवाज हैं और उसके प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं। जिस तरह से नगर के एक हास्पिटल द्वारा कोविड-19 के मानकों का उल्लंघन निरंतर किया जा रहा है और प्रशासनिक पकड़ का लाभ लेना कुत्सित विचार है। प्रशासनिक भेदभावपूर्ण रवैये पर सवाल उठाने वाले, लिखने वाले पत्रकारों और सामाजिक संगठनों के ऊपर मुकदमा दर्ज करा दिया गया, जो लोकतंत्र में चौथे स्तंभ की आवाज दबाने की कोशिश है, यह अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पहरा है। इस घटना के बाद पत्रकारों और सामाजिक संगठनों ने 14 सूत्री मांग का ज्ञापन आयुक्त आजमगढ़ और जिलाधिकारी आजमगढ़ को दिया था, जिस पर दोनों अधिकारियों ने जांच टीम गठित कर उक्त हास्पिटल के मानकों की जांच करने का आदेश दे दिया था, अभी यह जांच चल ही रही है लेकिन आईएमए उनके बचाव में नियमों और संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रख कर प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिस तरह से पूरी जांच प्रक्रिया को ही रोकने का अनरगल दबाव प्रशानिक अधिकारियों पर डाल रहा है, यह सर्वथा अनुचित है और उनके दोहरे रवैये को दर्शाता है उसकी हम घोर निंदा करते हैं। साथ ही यह मांग करते हैं कि एक ही नहीं बल्कि जनपद के सभी अस्पतालों के मानकों की जांच होनी चाहिए और आईएमए को इसमें आगे आकर सहयोग करना चाहिए जिससे आम जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। साथ ही चिकित्सा विभाग से भी मांग की गयी की अवैध ढंग से चल रहे नर्सिंग होम को चिन्हित कर वैधानिक कार्यवाही की जाए। हम लोग बतौर पत्रकार यह मांग करते हैं कि जिलाधिकारी और कमिश्नर चल रही जांचों को जितना जल्दी हो सके पूरी करके वैधानिक कार्रवाई करें।
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