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आजमगढ़ : कोरोना ने बदली जेल में जाने की व्यवस्था, डीएम और एसपी भी पंहुचे जांच करने

अब जेल पंहुच रहे आरोपियों को बगल में स्थित बाल बैरक में क्वारंटीन में रखा जाएगा

जिन गाड़ियों से कैदियों की पेशी होगी उनका भी सेनेटाइजेशन करायें -राजेश कुमार , डीएम 

आजमगढ़ : कोरोना ने प्रदेश के जेलों में बंदियों की एंट्री पर ब्रेक लगा दिया है। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के के दृष्टिगत यह कदम उठाया गया है। धोखे से भी किसी की एंट्री न हो जाए, इसके लिए कारागार के मुख्य द्वार पर नो एंट्री की नोटिस चस्पा है। बंदियों को प्रवेश दाखिले से पूर्व नौ दिन का आइसोलेशन एवं 14 दिन क्वारइंटाइन बिताना पड़ेगा। जिला कारागार में करीब 1500 से अधिक बंदी निरुद्ध हैं। इनमें सजायाफ्ता कैदियों की भी तादाद बड़ी है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बंदियों को बचाने के लिए जेल प्रशासन ने नए बंदियों की एंट्री पर रोक लगा दी है। विभिन्न आरोपों में पकड़े गए आरोपितों को मुख्य जेल के बगल में स्थित बाल बैरक में रखा जाएगा। 23 दिन की अवधि पूरी होने के बाद मुख्य जेल के नए बंदी के रखे जाने वाला बैरक में रखा जाएगा। इसके बाद बैरक आवंटित होने के बाद संबंधित बैरक में दाखिल कर दिये जाएंगे। वहीँ सोमवार को जिलाधिकारी राजेश कुमार व पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह द्वारा संयुक्त द्वारा मण्डलीय कारागार इटौरा पहुॅचकर जेल अधीक्षक से जेल में की गयी व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की गयी। जिलाधिकारी द्वारा कैदियों के आनलाईन पेशी के रिपोर्ट का निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिये कि न्यायालय खुलने के बाद कैदियों के पेशी के समय सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन कराया जाय। इसी के साथ ही जिन गाड़ियों से कैदियों की पेशी करायी जाय, उन गाड़ियों का भी सेनेटाइजेशन सुव्यवस्थित ढ़ंग से करायें। जेल अधीक्षक द्वारा बताया कि कैदियों द्वारा 2800 मास्क तैयार कराकर वितरित कराया गया, और आगे बनाया जा रहा है। 343 कैदियों को पेरोल पर रिहा किया गया है, व 11 कैदियों को अन्तरिम जमानत पर रिहा किया गया है। 

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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