फर्ज़ीवाड़े में मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने तत्कालीन बीएसए (वर्तमान में उन्नाव में डीआइओएस) राकेश कुमार को पूर्ण रूप से उत्तरदायी एवं दोषी पाया
आजमगढ़: कमिश्नर कनक त्रिपाठी के निर्देश पर जिले के अनेकों अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल में लिपिकों की नियुक्ति से संबंधित अभिलेखों का परीक्षण जांच समिति ने की। इसमें लिपिकों की नियम विरुद्ध नियुक्ति का अनुमोदन करने के लिए तत्कालीन बीएसए (वर्तमान में उन्नाव में डीआइओएस) राकेश कुमार को पूर्ण रूप से उत्तरदायी एवं दोषी पाया गया। कमिश्नर ने उन्हें निलंबित कर उनके विरुद्ध विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई की संस्तुति शासन को भेज दी है।कमिश्नर ने बताया कि विगत दिनों एक व्यक्ति ने प्रार्थना पत्र दिया था। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अपर आयुक्त प्रशासन अनिल कुमार मिश्र की अध्यक्षता में मंडल स्तर पर जांच समिति का गठन किया गया। जिसमें एडी बेसिक राजेश कुमार आर्य एवं उप निदेशक राष्ट्रीय बचत डा. विजय नाथ मिश्र को सदस्य नामित करते हुए पूरे मामले की बारीकी से जांच कराई गई। समिति की आख्या से स्पष्ट हुआ कि जिस शासनादेश के परिप्रेक्ष्य में लिपिकों की नियुक्तियों का अनुमोदन दिए जाने का उल्लेख किया गया है। उसमें केवल प्रधानाध्यापकों एवं सहायक अध्यापकों की भर्ती की अनुमति दी गई है। इसके अलावा उस शासनादेश में केवल तत्समय के रिक्त पदों की भर्ती पर लगी रोक में शिथिलता प्रदान की गई थी न कि उसके पश्चात रिक्त होने वाले पदों पर भर्ती किये जाने का निर्देश था। इसके बावजूद अहियाई मेंहनगर, मेहमौनी, नौबरार तुर्कचारा, कौरा गहनी, फुलवरिया आदि स्थानों के अनेकों जूनियर हाई स्कूलों में शासनादेश जारी होने के बाद सेवानिवृत्त होने वाले लिपिक के पदों पर भर्ती की कार्रवाई पूर्ण कर दी गई है।
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