टिड्डी दल के आक्रमण की दशा में कंट्रोल रूम के मोबाइल 9919588753 व 9450809578 पर जानकारी दे सकते हैं- जिला कृषि रक्षा अधिकारी
आजमगढ़ : कई प्रांतों में टिड्डी दल के आक्रमण के बाद जनपद में भी आक्रमण की संभावना बनी हुई है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने जनपद के किसानों को इनके आक्रमण से पूर्व तैयार रहने के लिए जागरूक कर रही है। इसके लिए बकायदे कंट्रोल रूम बनाकर नंबर जारी किया गया है, जिस पर किसान सूचना दे सकते हैं। देश के राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश के अलावा झांसी, ललितपुर में टिड्डी दल का आक्रमण हो चुका है। आगरा में भी राजस्थान की ओर से आक्रमण की संभावना बनी हुई है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने कहाकि टिड्डी दल एक साथ लाखों की संख्या में गमन करते है। इनका आक्रमण जहां होता है, वहां का क्षेत्र विरान हो जाता है। यह नीम, आक, जामुन, शीशम को छोड़कर सभी फसलो व पेड़ पौधो की पत्तियों को खा जाते है। टिड्डियां एक दिन में 100-150 किमी दूरी तय कर लेती है। इनका आगे बढ़ना हवा की गति व दिशा पर निर्भर करता है। टिड्डी दल प्राय: सूर्यास्त के समय किसी न किसी पेड़ पौधो पर सूर्योदय होने तक आश्रय लेते है और सभी फसलों को नष्ट भी कर देती है। प्रकोप की सूचना प्रधान व लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों के माध्यम से कृषि विभाग व जिला प्रशासन तक तत्काल पहुंचाये। टिड्डी दल के आक्रमण की दशा में जनपद स्तर पर बने कंट्रोल रूम के मोबाइल 9919588753 व 9450809578 पर जानकारी दे सकते हैं। विभाग ने सलाह दी है की टिड्डी दल दिखाई देते ही किसान उनको बैठने से रोकने के लिए थाली, ढोल, नगाड़े, घंटियां, पटाखे आदि की तेज आवाज करके भगा सकते है। प्रकाश का प्रयोग करके भी टिड्डियों को एकत्रित करके नष्ट किया जा सकता है। प्रकोप होने पर क्लोरपायरीफॉस 20 प्रतिशत ईसी 1200 मिली, लेम्डा साइहेलोथ्रीन पांच प्रतिशत ईसी 400 मिली या बेन्थियोंकार्ब 80 प्रतिशत 125 ग्राम, 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें या फेनवेलरेट 0.4 प्रतिशत या मैलाथियान पांच प्रतिशत धूल 20 से 25 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से सुबह पत्तियों पर ओस देखकर छिड़काव करें।
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