.

.

.

.
.

आजमगढ़ : जनपद में भी हो सकता है टिड्डी दल का प्रकोप,सावधानी से रखें निगरानी -डीएम

सम्भावित टिड्डी दल के प्रकोप, सावधानी एवं बचाव कें सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न हुई

आजमगढ़ 28 मई-- जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय में सम्भावित टिड्डी दल के प्रकोप, सावधानी एवं बचाव कें सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न हुई।
इस अवसर पर अवगत कराया गया कि दिनांक 27 मई 2020 के सायं तक टिड्डी दल के जनपद सोनभद्र के घोरावल तहसील के विभिन्न ग्रामों में पहुंचने की सूचना प्राप्त हुई है। जिला उद्यान अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि जायद 2020 में जनपद  में सब्जी का आच्छादन लगभग 2397 हे0 है तथा गन्ना विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि गन्ना का आच्छादन 19,000 हे0 है।
जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को किसानों को सलाह देने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि जनपद के किसान भाइयों को अवगत कराया जाय कि टिड्डी दल एक साथ लाखों की संख्या में गमन करते है। जिस क्षेत्र में इनका आक्रमण होता है वहाँ का क्षेत्र हरियाली रहित हो जाता है।
इस कीट की वयस्क टिड्डयों हवा की दिशा में एक दिन में 100 से 150 कि० मी० की दूरी तय कर लेती है। टिड्डी दल प्रायः सूर्यास्त के समय किसी न किसी पेड़ पौधों पर सूर्योदय होने तक आश्रय लेते है। आश्रय के समय ही समस्त वनस्पतियों को आर्थिक नुकसान पहुंचाते है। एक मादा टिड्डी भूमि में 500 से 1500 अण्डे देकर सुबह उड़ जाती है।
इनके नियन्त्रण के लिये संस्तुत रसायनों के छिड़काव का सबसे उपयुक्त समय रात्रि 11ः00 बजे से सुबह 9ः00 बजे तक माना जाता है। टिड्डी दल के खेतों के आस-पास दिखाई देते ही किसान भाई टोलियों बनाकर सायकाल के समय थाली,. ढोल, नगाड़े, घण्टियां, पटाखे आदि की तेज आवाज करके इनको भगा सकते है। प्रकाश प्रपंच का प्रयोग करके भी टिड़ियों को एकत्रित करके नष्ट किया जा सकता है। टिड्डी दल के आकाश में दिखाई देने पर घास -फूस जलाकर धूआँ करे।
टिइंडियों का प्रकोप होने पर क्लोरपायरीफॉस 20 प्रतिशत ई0सी0 1200 मिली0,. लेण्डा साइहेलोथ्रीन 5 प्रतिशत ई0सी0 400 मिली0 या बेन्थियोंकार्ब 80 प्रतिशत 125 ग्रा0, ,500 ली0 पानी में प्रति हे0 की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें या फेनवेलरेट 0.4 प्रतिशत अथवा मैलाथियान 5 प्रतिशत धूल 20 से 25 किग्रा० प्रति हेक्टेयर की दर से सुबह पत्तियों पर ओस देखकर बुरकाव करें, साथ ही साथ राख का बुरकाव करके भी क्षति को कम किया जा सकता है। टिड्डी दल के आक्रमण के पश्चात कीटनाशक उपलब्ध न होने की दशा में ट्रैक्टर चालित पावर स्प्रेयर के द्वारा पानी की तेज बौछार से भी इन्हे भगाया जा सकता है
जिलाधिकारी ने समस्त अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि टिड्डी दल की स्थिति पर निगरानी रखें तथा नामित नोडल अधिकारी से निरन्तर सम्पर्क बनाये रखें। साथ ही साथ किसानों को सलाह देते समय इस बात को अवश्य इंगित करे कि किसान भाई सब्जियों में संस्तुत रसायनों का प्रयोग सब्जियों की तुड़ाई के उपरान्त करें। टिड्डी दल के खेत में बैठने के उपरान्त खेत की जुताई अवश्य करा दें ताकि टिड्डी के अण्डों को नष्ट किया जा सके।
टिड्डी दल के प्रकोप होने की सूचना ग्राम प्रधान, लेखपाल कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों एवं ग्राम पंचायत अधिकारी के माध्यम से कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन तक तत्काल पहुचायें। अग्नि शमन दल को भी इस कार्य में सहयोग देने हेतु निर्देशित किया गया।
टिड्डी दल के आक्रमण की दशा में जनपद स्तर पर बने कन्ट्रोल रुम मोबाइल नं 0 9919588753 एवं 9450809578 पर जानकारी उपलब्ध करायें ।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आन्नद कुमार शुक्ला, जिला कृषि अधिकारी डा0 उमेश कुमार गुप्ता, जिला उद्यान अधिकारी बाल कृष्ण वर्मा, अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र कोटवा, बीज उत्पादन अधिकारी, मुख्य अग्निशमन अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment