डीएम ने निरागनी समितियों समेत समस्त एसडीएम/सीओ व पुलिस के अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
आजमगढ़ 14 मई-- कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत लाकडाउन की स्थिति में अन्य प्रदेशों/जनपदों से प्रतिदिन रोडवेज व ट्रेन के माध्यम से अधिक संख्या में प्रवासी मजदूर/श्रमिक जनपद में आ रहे हैं, इसके अलावा अपने निजी साधनों व ट्रकों या पैदल जो प्रवासी मजदूर आ रहे हैं, वे सीधे अपने गाॅव में पहुॅच रहे हैं, जिससे कोविड-19 महामारी के बढ़ने की आशंका बढ़ गयी है। इसके दृष्टिगत जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने प्रत्येक ग्राम में गठित ग्राम निगरानी समिति को निर्देश दिये कि ऐसे व्यक्ति जो व्यक्तिगत साधनों या ट्रकों के माध्यम से सीधे ग्राम में आ रहे हैं, ऐसे व्यक्तियों के बारे में एमओआईसी, संबंधित उप जिलाधिकारियों को इसकी सूचना दें, जिससे उस व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा सके। यदि ऐसा व्यक्ति सक्रंमित होता है तो वह स्वयं संक्रमण फैलाने का माध्यम हो सकता है। इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने निरागनी समिति को यह भी निर्देश दिये कि ऐसे व्यक्तियों की सूचना पुलिस को भी दें एवं ऐसे व्यक्तियों को घर के बजाय उप जिलाधिकारी के माध्यम से संबंधित तहसील के शेल्टर होम में रखवाना सुनिश्चित करें, जब तक कि उस व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण न हो जाये। आगे जिलाधिकारी ने बताया कि जो प्रवासी मजदूर/श्रमिक ट्रेन या बसों से आ रहे हैं, ऐसे श्रमिकों का जहाॅ से वे आ रहे हैं वहाॅ पर पहले से ही स्वास्थ्य परीक्षण किया गया रहता है, परीक्षण के दौरान कोई लक्षण नही आने पर ही उनको ट्रेन या बसों के माध्यम से भेजा जाता है। इसके बाद जनपद में आने के बाद भी उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है, यदि लक्षण पाया जाता है तो फैशलिटी क्वारंटाइन सेन्टर में भेजा जाता है, यदि उनमें जांच के दौरान कोई लक्षण नही पाया जाता है तो उनको दो दिन तक संबंधित तहसील क्षेत्र के शेल्टर होम में रखने के बाद तीसरे दिन उनको 21 दिन के लिए होम क्वारंटाइन हेतु भेज दिया जाता है। जिलाधिकारी ने समस्त एसडीएम/सीओ व पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो प्रवासी मजदूर/श्रमिक या कोई व्यक्ति बिना अनुमति के आ रहे हैं और बिना स्वास्थ्य परीक्षण कराये घर पहुॅच जाता है तो ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए उनके विरूद्ध महामारी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करें। इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने जनपद वासियों से अपील किया है कि ऐसे व्यक्ति जो बिना किसी अनुमति के सीधे अपने घरों पर आ रहे हैं, ऐसी स्थिति में उनके परिवार का यह दायित्व है कि उस व्यक्ति को घर न बुलाकर जांच कराने के लिए अस्पताल में भेजें, जांच के बाद ही होम क्वारंटाइन होगा। ऐसे परिवार जो बिना अनुमति के आये हुए व्यक्तियों को बिना स्वास्थ्य परीक्षण कराये घर में रखते हैं तो उनके परिवार के विरूद्ध भी एफआईआर दर्ज किया जायेगा। इस के साथ ही जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जो भी व्यक्ति होम क्वारंटाइन किये गये हैं, ऐसे व्यक्तियों को घरों में एकांतवाश रखें, उनका बरतन, कपड़ा, बिस्तर अलग रखें, उनके कपड़े व बिस्तर को साफ-सुथरा रखें एवं डिटाॅल एवं सेनेटाइजर का प्रयोग करें। इसी के साथ ही घर के सभी सदस्य स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखें, अपने हाथों को बराबर धोते रहें, और ऐसे व्यक्ति से दो मीटर की दूरी बनाकर रखें, यदि किसी परिवार में ऐसे व्यक्ति को रखने की जगह नही है तो संबंधित तहसील क्षेत्र के एसडीएम से बात करके शेल्टर होम में रखें, ऐसा करने से उसके स्वयं, परिवार, समाज के लिए बहुत जरूरी है। इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने चिकित्सा विभाग व लेखपालों को निर्देश दिये कि जो भी व्यक्ति होम क्वारंटाइन किये गये हैं, यदि वे होम क्वारंटाइन कि नियमों को उल्लघंन करते हैं तो उनके विरूद्ध महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही करें।
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