जालंधर से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से यहां आए युवा श्रमिकों से डीएम ने खुलकर बातचीत की
आजमगढ़ : जालंधर से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से यहां आए यात्रियों से डीएम ने खुलकर बातचीत की, बोगियों तक पहुंचकर श्रमिकों का हालचाल पूछा और कहा कि क्यों चले आए, अरे भई कुछ दिन रुक जाते, अब तो फैक्ट्रियां खुलने लगी हैं। जवाब परेशानियों भरा था तो डीएम ने सवाल किया कि फावड़ा चला लेते हो, मिट्टी का काम कर लोगे। जैसे ही सभी ने हां में जवाब दिया कि साहब इसी मिट्टी में पैदा हुआ तो क्या नहीं कर सकते। श्रमिकों का जवाब सुनने के बाद डीएम ने कहा कि तब तो ठीक है। अपने गांव में जाकर प्रधान से कहकर मनरेगा का जॉब कार्ड बनवा लेना। गांव में ही काम दिया जाएगा। हम उसकी व्यवस्था करेंगे। कामगारों ने भी हां में हां मिलाई और बताया कि गांव में रहकर हम भी मां-बाप की सेवा करना चाहते हैं। जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने कामगारों से बातचीत करने के बाद बताया कि जितने लोगों से बात की उसमें 70 फीसद ने यहां काम मिलने पर बाहर न जाने की बात कही। उनसे यह भी कहा गया कि कौशल विकास मिशन के तहत कुछ हुनर सीखकर भी स्वावलंबी बन सकते हो। जालंधर में परिवार के साथ 22 साल से रहकर भवन में पेंटिग की डिजाइनिग करने वाले अतरौलिया क्षेत्र के पिटू ने बताया कि हम नहीं लौटते लेकिन क्या करें फैजाबाद का रहने वाला मालिक पहले ही चला आया तो उसके बाद किसके भरोसे वहां रुकते। फिलहाल ज्यादातर लोगों ने कहा कि जब यहां की मिट्टी में जन्म लिया तो यहीं रहकर कुछ करना चाहेंगे।
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