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समय से बिना किसी बाधा के संपादित कराए जाएं कृषि कार्य - डीएम

किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कंट्रोल रूम नंबर जारी हुआ

किसान फसल कटाई के बाद किसी भी दशा में पराली ना जलाएं-कृषि विभाग

आजमगढ़ 04 अप्रैल -- जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता मे कलेक्ट्रेट सभागार मे देर सायं कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई ।समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि रबी फसलों की कटाई -मड़ाई एवं भंडारण तथा जायद की फसलों की बुवाई का कार्य वर्तमान समय मे कृषकों द्वारा संपादित किया जाना है। खाद्य सुरक्षा हेतु यह आवश्यक है कि कृषि से संबंधित समस्त कार्य समय से तथा बिना किसी बाधा के संपादित कराए जाएं ।नोबेल कोरोनावायरस की आपदा के लाक्ड डॉउन के दृष्टिगत किसानों के उपयोगार्थ आवश्यक सेवाओं तथा सामान्य कृषि कार्य, कृषि निवेशकों की उपलब्धता ,तथा रबी की सभी फसलों की कटाई -मड़ाई भंडारण एवं मंडी स्थल तक कृषि उत्पादन के परिवहन को सुचारू रूप से संपादित कराए जाने ,कटाई एवं मड़ाई हेतु आवश्यक कंबाइन हार्वेस्टर ,रीपर ,स्ट्रा रीपर ,थ्रेसर, ट्रैक्टर ट्राली एवं अन्य संगत कृषि उपकरणों के प्रयोग की अनुमति शासन द्वारा दी गई है ।उन्होंने कहा कि एक कंबाइन हार्वेस्टर के संचालन हेतु अधिकतम पांच व्यक्तियों की अनुमति होगी तथा वह भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखेंगे ।इस कार्य में लगे श्रमिकों को कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु आवश्यक दूरी व अन्य उपायों की जानकारी ,सुझाव ,निर्देश पंपलेट लीफलेट इत्यादि की समुचित व्यवस्था कंबाइन हार्वेस्टर मालिकों के द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि कंबाइन हार्वेस्टर मालिक उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए सैनिटाइजर ,मास्क आदि की व्यवस्था श्रमिकों ,चालकों ,क्लीनरो इत्यादि के लिए करेंगे और बचाव के उपाय भी बताएंगे । विस्तृत जानकारी देते हुए उप कृषि निदेशक डॉक्टर आरके मौर्य द्वारा बताया गया कि शासन के निर्देश के क्रम में सिधारी स्थित कृषि भवन परिसर में जिला कृषि अधिकारी के कार्यालय में कंट्रोल रूम जिसका मोबाइल नंबर 94 51 549 206 स्थापित कराया गया है ।इसमें प्रातः 6:00 बजे से लेकर रात्रि 10:00 बजे तक विभिन्न कार्मिकों एवं अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो वर्तमान समय में कृषि से संबंधित कृष को की जिज्ञासाओं, समस्याओं का समाधान सुनिश्चित कराएंगे ।इसी प्रकार जिला मुख्यालय पर स्थापित कंट्रोल रूम में भी कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जिससे कि जिला मुख्यालय पर कृषि से संबंधित आने वाली समस्याओं का समाधान हो सके। उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि गेहूं की कटाई हेतु जिन कंबाइन मशीन के साथ भूसा बनाने वाली मशीन नहीं प्रयोग में लाई जाएगी और कटाई कर यदि कृषकों के द्वारा पराली जलाई गई तो दोषी कृषक के साथ-साथ कंबाइन मशीन मालिकों के विरुद्ध माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी ।उन्होंने कहा कि किसान भाई फसल कटाई के उपरांत किसी भी दशा में पराली ना जलाएं ।पराली जलाने से जहां मिट्टी की उर्वरा शक्ति क्षीण होती है ,मिट्टी में लाभदायक जीवाणुओं की संख्या में कमी होती है, पर्यावरण प्रदूषण होता है, आगजनी की घटनाएं होती हैं ,वहीं दूसरी तरफ पशुओं के लिए चारे का संकट उत्पन्न होता है। अतः किसान अपने कटाई के उपरांत किसी भी दशा में पराली न जला कर भूसा बनाएं अथवा फसल अवशेष प्रबंधन के तहत अवशेष को मिट्टी में मिलाएं।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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