मण्डलायुक्त श्रीमती कनक त्रिपाठी ने पूर्वांचल विकास निधि के कार्यों की समीक्षा किया
आज़मगढ़ 5 मार्च -- मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने आम जन की सुविधाओं के दृष्टिगत पूर्वांचल विकास निधि के अन्तर्गत प्रस्तावित कार्यों के क्रियान्वयन में जहाॅं लापरवाही बरतने पर जनपद आज़मगढ़ एवं बलिया के परियोजना निदेशक, डीआरडीए को चेतावनी निर्गत करने का निर्देश दिया है वहीं जनपद मऊ में प्रगति काफी अच्छी मिलने पर वहाॅं के परियोजना निदेशक के कार्यों की प्रशंसा की है। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने बुधवार को देर सायं अपने कैम्प कार्यालय पर पूर्वांचल विकास निधि के कार्यों की समीक्षा के दौरान पाया कि इस निधि के अन्तर्गत विगत वर्षों के आज़मगढ़ में 114 कार्य पूर्ण एवं 72 कार्य अपूर्ण हैं, जिसमें सबसे अधिक 48 कार्य यूपी सिड्को के स्तर पर पूर्ण होना अवशेष है। इसी प्रकार बलिया में 189 कार्य पूर्ण एवं 73 कार्य अपूर्ण हैं। यहाॅं सबसे अधिक 35 कार्य जिला पंचायत के एवं 15 कार्य ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग के स्तर पर अपूर्ण हैं। जनपद मऊ में मात्र 7 कार्य अपूर्ण हैं। मण्डलायुक्त द्वारा अपूर्ण कार्याें हेतु द्वितीय किस्त निर्गत किये जाने के सम्बन्ध में जानकारी करने पर पाया गया कि आज़मगढ़ एवं बलिया में कार्यदायी संस्थाओं द्वारा द्वितीय किस्त की अधिकांश डिमाण्ड लगभग एक साल पूर्व ही डीआरडीए को भेज दी गयी थी, परन्तु अभी तक डिमाण्ड लम्बित रखी गयी है, जिससे कार्य प्रभावित है। मण्डलायुक्त ने इस स्थिति पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए इन दोनों जनपदों के परियोजना निदेशक डीआरडीए को चेतावनी निर्गत करने का निर्देश देते हुए कहा कि पूर्व में प्राप्त डिमाण्ड पर समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करते हुए यदि एक सप्ताह में दूसरी किस्त की धनराशि अवमुक्त नहीं की जाती है तो सम्बन्धित परियोजना निदेशक को इसका उत्तरदायी मानते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की संस्तुति शासन को भेज दी जायेगी। मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी द्वारा मऊ में अपूर्ण 7 कार्यों की प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी करने पर डीआरडीए के परियोजना निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि अपूर्ण कार्यों में 6 कार्य प्रगति पर है शेष एक कार्य हेतु टेण्डर आदि की कार्यवाही हो चुकी है, शीघ्र ही इस पर भी कार्य प्रारम्भ हो जायेगा। मण्डलायुक्त ने प्रगति अच्छी मिलने पर परियोजना निदेशक मऊ के कार्यों की प्रशंसा किया। उन्होंने तीनों जनपद के परियोजना निदेशकों को निर्देशित किया कि भविष्य में कार्यदायी संस्थाओं से द्वितीय किस्त की डिमाण्ड मिलने पर कार्यों का सत्यापन एवं समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करते हुए 15 दिन के अन्दर धनराशि अवमुक्त करना सुनिश्चित करें। श्रीमती त्रिपाठी ने कहा कि जिन कार्यों की गुणवत्ता मानक के विपरीत पाई गयी है तो उसमें रिकवरी की कार्यवाही में तेजी लाई जाय। इसी क्रम में उन्होंने सम्बन्धित कार्यदायी संस्थाओं को भी निर्देशित किया कि प्रायः द्वितीय किस्त की डिमाण्ड विलम्ब से भेजने की भी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। उन्होंने आगाह किया कि भविष्य में इस प्रकार शिकायत नहीं मिलनी चाहिए अन्य सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने उप निदेशक अर्थ एवं संख्या अमजद अली अन्सारी को निर्देश दिया कि डीआरडीए एवं कार्यदायी विभागों से द्वितीय किस्त की डिमाण्ड का पूरा विवरण प्राप्त कर वस्तुस्थिति से अवगत करायें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आज़मगढ़ आनन्द कुमार शुक्ला, उप निदेशक अर्थ एवं संख्या अमजद अली अन्सारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत बलिया रमेश कुमार सिंह, परियोजना निदेशक मऊ एमएन सिंह, परियोजना निदेशक बलिया देवनन्दन दूबे, अधिशासी अभियन्ता यूपी सिड्को पीके यादव, सहायक अभियन्ता डीआरडीए आज़मगढ़ एनबी सिंह, अपर सांख्यिकीय अधिकारी डा.नीरज श्रीवास्तव सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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