कहा, सरकार ने हठधर्मिता दिखाई तो यूनाइटेड फोरम अपने तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार आगामी 11,12 व 13 मार्च को त्रिदिवसीय हड़ताल करेगा
आजमगढ़ : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर शुक्रवार को सभी बैंकों के ट्रेड यूनियन ने संयुक्त रूप से दो दिवसीय हड़ताल पर रहे। निजीकरण व विलय के विरोध में मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की गयी। बैंकों की हड़ताल से लगभग चार से पांच करोड़ की क्लीयरिंग प्रभावित रही। वहीं लगभग 50 करोड़ का लेन-देन भी ठप रहा। बैंकों की दो दिनों की हड़ताल से लोग काफी परेशान रहे। जनपद के बैंकों के सभी ट्रेड यूनियनों की संयुक्त रूप से यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के बैनर तले यूबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय सिविल लाइन पर विरोध प्रदर्शन हुआ। यूनियन बैंक अधिकारी संघ के क्षेत्र सचिव आरके सिंह ने कहा कि बैंकों में वर्ष 2017 से लंबित वेतन समझौते के प्रति भारतीय बैंक संघ व केन्द्र सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के विरोध में हड़ताल चल रहा है। साथ ही यूनाइटेड फोरम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण व विलय का विरोध करता है। हमारी मांगों में बैंक कर्मियों का सम्माजनक वेतन समझौता शीघ्र लागू हो। पांच दिवसीय कार्य सप्ताह हो, सेवानिवृत्त बैंक कर्मियों की पेंशन का सम्माजनक पुनरीक्षण हो, बैंक कर्मियों का भी अन्य विभागों के कर्मियों की तरह कार्य करने के घंटे तय हो व पुरानी पेंशन योजना लागू किया जाय। संयोजक मो.आरिफ ने कहा कि यदि इसके बाद भी सरकार व भारतीय बैंक संघ अपने हठधर्मी रवैये पर अड़ा रहता है तो यूनाइटेड फोरम अपने तयशुदा घोषित कार्यक्रम के अनुसार आगामी 11,12 व 13 मार्च को त्रिदिवसीय हड़ताल करेगा। वहीं एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जायेगा। इसे सभी ट्रेड यूनियन दलों का पूर्ण समर्थन प्राप्त होगा। शुक्रवार की हड़ताल में जनपद के सभी सरकारी व निजी बैंक बंद रहे तथा बैंककर्मियों के समर्थन से अभूतपूर्व बंदी रही। इस मौके पर कामरेड राजकुमार, राजेश कुमार सिंह, विष्णु गुप्ता, रामप्रीत कुमार, विकास कुमार सिंह, मुकेश राय, राजेश प्रताप आदि मौजूद रहे।
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