वाराणसी की गुड़िया लेबर संस्था व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर बंधक बने मजदूरों को मुक्त कराया
आजमगढ़: कंधरापुर थाना अंतर्गत हरखुपुर गांव स्थित एक ईंट भट्ठे पर वाराणसी की गुड़िया लेबर संस्था व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर बंधक बनाये गये 35 मजदूरों को मुक्त करा दिया ।पिछली रात सभी मुक्त कराये गये मजदूरों को जिला मुख्यालय पर स्थित रैन बसरा पर रखा गया और उनसे पूछताछ कर लिखा-पढ़ी की कार्रवाई की गयी। इसके बाद प्रशासन ने मुक्त कराए गए बिलासपुर छत्तीसगढ़ के मजदूरों को उनके घर तक जाने के लिए प्रत्येक को 500-500 रुपये उपलब्ध करा दिया। यही नहीं एडीएम सदर आशा राम की तरफ से बिलासपुर के जिलाधिकारी को पुनर्वास के लिए पत्र हर श्रमिकों को दिया गया है। हरखुपुर गांव स्थित ईंट भटठे पर तीन माह पूर्व छत्तीसगढ़ प्रांत के मस्तरी कोहरौदा गांव निवासी ननकी राम यादव मजदूरों को लेकर आया था। महिला, पुरूष व बच्चों के साथ कुल 35 लोगों की यह टीम थी। इन मजदूरों को भट्ठा मालिक जहां बंधक बना कर रखा था तो वहीं प्रताड़ित भी करता था। जिससे परेशान हाल होकर इन मजदूरों में शामिल 30 वर्षीय परदेशी पुत्र पुनीराम निवासी लहहनी मस्तूरी छत्तीगढ़ ने इसकी शिकायत वाराणसी स्थित गुड़िया लेबर संस्था से किया और मदद की गुहार लगायी। भट्ठा मजूदर की शिकायत पर गुड़िया संस्था के दो कोआर्डिनेटर संजय व शेखर शुक्रवार को जिले में पहुंचे। दोनों ने डीएम से मुलाकात कर शिकायत के बाबत जानकारी दिया। इस पर डीएम ने एसडीएम सदर, सीओ सिटी की टीम तैयार कर गुड़िया संस्था के कोआर्डिनेटरों के साथ ईंट भट्ठा पर छापेमारी का निर्देश दिया। टीम के मौके पर पहुंचने पर वहां कार्यरत मजदूरों को लाने वाला ठेकेदार ननकी राम फरार हो गया। टीम ने भट्ठे से 35 मजदूरों को छुड़ाया और सभी को लेकर कलेक्ट्रेट क्षेत्र स्थित रैन बसेरा पहुंचा कर ठहराया। यहां मजदूरों से पूछताछ आदि की कवायद की गई । डीएम के निर्देश पर सीएमओ डॉ. एके मिश्रा, ईओ नगर पालिका शुभनाथ प्रसाद आदि भी रैन बसेरा पंहुचे और मजदूरों की जांच पड़ताल के साथ ही उनका बयान दर्ज किया था ।श्रम अधिकारी जय शंकर प्रसाद ने बताया कि तहसील सदर के हरखूपुर, आजमपुर स्थित एचएनएच ट्रेड मार्का ईंट-भट्ठा पर कार्यरत छत्तीसगढ़ के एक श्रमिक ने वाराणसी की सामाजिक संस्था गुड़िया के पदाधिकारियों से संपर्क किया। आरोप लगाया कि ठेकेदार के माध्यम से 23 श्रमिकों को एक से तीन माह के बीच लाया गया था। अब ईंट-भट्ठा संचालक उन्हें छोड़ नहीं रहा है। गुड़िया संस्था के पदाधिकारियों ने डीएम से मुलाकात की। सारी जानकारी के बाद एसडीएम सदर के नेतृत्व में श्रम विभाग व पुलिस ईंट-भट्ठे पर पहुंची। वहां सभी से पूछताछ की गई। एसडीएम ने बताया कि यहां कोई बात नहीं है। डरने जैसी कोई बात नहीं है। पुलिस की व्यवस्था सुनिश्चित रहेगी। लेकिन श्रमिक वहां रहने को तैयार ही नहीं थे। उधर, ईंट-भट्ठा संचालक ने बताया कि ठेकेदार को पांच लाख रुपये दिया गया था। जिसमें श्रमिकों को 10 से 25 हजार रुपये दिए गए थे। इनसे यही कहा गया कि काम करके पैसा चुका दें। मजदूरों की मांग पर उन्हें शुक्रवार की रात रिक्शा स्टैंड स्थित रैन बसेरा लगाया गया। जहां से सभी कागजी औपचारिकता पूरी करने के बाद छत्तीसगढ़ भेज दिया गया।
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