धनराशि उपलब्ध होने के बावजूद कार्य अपूर्ण रहने के कारणों को स्पष्ट करें कार्यदायी संस्थायें : मण्डलायुक्त
आज़मगढ़। मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने मण्डल के तीनों जनपदों में 50 लाख तथा उससे अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान तीनों जनपदों में बड़ी संख्या में परियोजनाओं को अपूर्ण पाये जाने पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि धनराशि की उपलब्धता के बावजूद निर्धारित समयावधि के बाद भी कार्य अपूर्ण रहने के कारणों को स्पष्ट किया जाय। मण्डलायुक्त ने शुक्रवार को अपने कार्यालय के सभागार में मण्डल के तीनों जनपदों में 50 लाख तथा उससे अधिक लागत के निर्माण कार्यों के प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने समीक्षा में पाया कि मण्डल के अन्तर्गत जनपद आज़मगढ़ में कुल 65, मऊ में 37 एवं बलिया में 64 परियोजनायें ऐसी हैं जो 50 लाख या उससे अधिक लागत की हैं। इन परियोजनाओं में आजमगढ़ में 3, मऊ 2 एवं बलिया में 7 परियोजनायें अभी अनारम्भ हैं, जबकि आज़मगढ़ में 8, मऊ एवं बलिया में 4-4 परियोजनायें पूर्ण हो चुकी हैं। मण्डलायुक्त ने परियोजनाओं की वित्तीय प्रगति की समीक्षा के दौरान पाया की अधिकांश परियोजनाओं हेतु जो धनराशि कार्यदायी संस्थाओं को दी गयी है उसके सापेक्ष भौतिक प्रगति बहुत ही कम है। उन्होंने वित्तीय एवं भौतिक प्रगति में काफी अन्तर पाये जाने पर असन्तोष व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि सभी कार्यदायी संस्थायें अपने लक्षित कुल कार्यों, प्राप्त धनराशि तथा उसके सापेक्ष हुए कार्यों, कार्य पूर्ण करने की अवधि, समयावधि व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी कार्य अपूर्ण रह जाने के कारणों तथा निर्माणाधीन कार्यों के पूर्ण होने की तिथि आदि के सम्बन्ध में विस्तृत विवरण एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने सचेत किया कि किसी कार्यदायी संस्थाओं से विवरण अप्राप्त होने की दशा में सम्बन्धित के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने समीक्षा के दौरान गत बैठक में निर्माण कार्यों की जाॅंच हेतु गठित तीन टीमों से आख्या उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया, परन्तु किसी भी टीम द्वारा जाॅंच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई गयी। इस पर उन्होंने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए गठित तीनों टीमों के अध्यक्ष से स्थिति स्पष्ट कराते हुए तीन दिन के अन्दर जाॅंच रिपोर्ट अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने आगाह किया कि यदि तीन दिन के अन्दर आख्या उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो सम्बन्धित अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी जायेगी। ज्ञातव्य हो कि मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने गत बैठक में उप निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण, उप निदेशक दिव्यांग जन कल्याण एवं उप निदेशक पंचायत की अध्यक्षता में तीन-तीन अधिकारियों की तीन जाॅंच टीम का गठन करते हुए प्रत्येक टीम को 4-4 निर्माणाधीन परियोजनाओं की जाॅंच कर आख्या 15 दिन के अन्दर उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया था। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के साथ ही अन्य कार्यदायी विभागों को सख्त निर्देश दिया कि यदि सड़कों के किनारे कार्य कराया जाना है तो उसके सम्बन्ध में बीएसएनएल, जल निमग, विद्युत विभाग आदि विभागों को पहले अवगत करायें ताकि टेलीफोन, विद्युत केबिल, पाइपलाइन आदि को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके। बैठक में उप निदेशक अर्थ एवं संख्या अमजद अली अन्सारी ने अवगत कराया कि मण्डल के जनपदों में परियोजनाओं के अपूर्ण रहने के कारण जहाॅं तीनों जनपद डी ग्रेड में हैं वहीं राज्य स्तर की रैंकिंग में मण्डल 12वें स्थान पर है। मण्डलायुक्त ने इस स्थिति पर घोर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी कार्यदायी संस्थाओं के पदाधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि जिन परियोजनाओं हेतु पूरी धनराशि आवंटित हो गयी है उसे निर्धारित समय सीमा के अन्दर अनिवार्य रूप से पूरा किया जाये। उन्होंने सचेत किया कि समयावधि व्यतीत हो जाने के बाद कार्य अपूर्ण रहने की दशा में कोई बहाने बाज़ी नहीं सुनी जायेगी, सीधे सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की संस्तुति कर दी जायेगी। इस अवसर पर अपर आयुक्त (प्रशासन) अनिल कुमार मिश्र, संयुक्त विकास आयुक्त पीएन वर्मा, उप निदेशक अर्थ एवं संख्या अमजद अली अन्सारी, संयुक्त शिक्षा निदेशक एपी वर्मा, अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. एनएल यादव, संयुक्त कृषि निदेशक एसके सिंह, तीनों जनपद के अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग, अधीक्षण अभियन्ता जल निगम एमसी श्रीवास्तव, अपर सांख्यिकी अधिकारी डा. नीरज श्रीवास्तव सहित अन्य सम्बन्धित विभगों के अधिकारी एवं कार्यदायी संस्थाओं के पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
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