कार्यक्रम स्थल को आजमगढ़ की लोक परंपरा व संस्कृति की साज-सज्जा से पूरी तरह सजाया संवारा गया है
आजमगढ़ : तमसा नदी के तट स्थित जजी मैदान से सोमवार को आजमगढ़ महोत्सव का भव्य आगाज हुआ। हर तरफ उत्साह, गीत-संगीत की सुरमयी धुन व सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम के बीच सुबह 11 बजे जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह की अगुवाई में साहित्यकार, दिव्यांग बच्चों व छात्रों की टोली ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद यह कार्यक्रम अनवरत देररात तक चलता रहा। सुबह विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने नृत्य, गीत व कला की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर सबको जहां मंत्रमुग्ध किया वहीं कलाकारों ने अपनी कला से शाम व रात को गुलजार कर दिया। ठंड के बावजूद देररात तक दर्शक मैदान में डटे रहे और कलाकारों का हौसला आफजाई करते रहे। कार्यक्रम स्थल को आजमगढ़ की लोक परंपरा व संस्कृति की साज-सज्जा से पूरी तरह सजाया संवारा गया है। बच्चों की बनाई रंगोली सभी को जहां आकर्षित कर रही थीं तो वहीं गंवई परिवेश सभी का मन मोह रहा है। तीन दिवसीय महोत्सव में साधना, सर्जना, संघर्ष और साझी विरासत के जयघोष की गूंज चारों तरफ सुनाई दे रही है। इसीलिए महोत्सव को जजी मैदान तक ही समेटा नहीं गया बल्कि खेल मैदान से लगायत राहुल सांकृत्यायन प्रेक्षागृह तक विखेरा गया है ताकि हर तरफ महोत्सव का रंग ही दिखे।
Blogger Comment
Facebook Comment