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आज़मगढ़ ;पेंशन अदालत से अनुपस्थित 03 अधिकारियों का वेतन रुका,प्रतिकूल प्रविष्टि का निर्देश

मंडलायुक्त की पेंशन अदालत में कई मामलों का हुआ निस्तारण, कुछ मामलों में जाॅंच हेतु कमेटी गठित हुई 

आज़मगढ़ 28 दिसम्बर -- मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने पेंशन अदालत में जनपद बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा के अनुपस्थित रहने पर उन्होंने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुपस्थित तीनों अधिकारियों के वेतन रोकने का निर्देश दिया। इसके अलावा अनुपस्थिति के सम्बन्ध में सीएमओ एवं जिला गन्ना विकास अधिकारी को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने तथा लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा को प्रतिकूल प्रविष्टि भी देने का भी उन्होंने निर्देश दिया। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी शनिवार को अपने कार्यालय के सभागार में आयोजित मण्डल स्तरीय पेंशन अदालत की अध्यक्षता कर रही थीं। इस दौरान कई पेंशनरों की पेंशन विसंगतियों एवं बाधाओं को मौके पर ही दूर कर पेंशन का निर्धारण किया गया, जबकि पेंशनरों एवं पारिवारिक पेंशनरों द्वारा उपलब्ध कराये गये अभिलेखों के परिपे्रक्ष्य में पेंशन निर्धारण की पेचीदगियों को दूर करने हेतु कतिपय प्रकरणों में टीम गठित कर बाधाओं को दूर करने का उन्होंने निर्देश दिया। पूर्व पेंशन अदालत में पस्तुत चिकित्सा विभाग आज़मगढ़ से सेवानिवृत्त एजे खान के प्रकरण में अपेक्षित प्रगति अपेक्षानुरूप नहीं पाई गयी, जबकि उपस्थित डिप्टी सीएमओ द्वारा भी इस सम्बन्ध में परफेक्ट जानकारी नहीं दिये जाने पर मण्डलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए पूरे मामलें की जाॅंच कर 15 दिन में आख्या उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया। इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग बलिया से सेवानिवृत्त रामजी सिंह के प्रकरण में जानकारी देने हेतु न तो सीएमओ उपस्थित थे और न ही उनके कोई प्रतिनिधि उपस्थित थेे, जिसके कारण मण्डलायुक्त ने उनका वेतन रोकने और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने पेंशन अदालत में आये प्रकरणों से सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पेंशन अथवा पारिवारिक पेंशन के निर्धारण में कोई गतिरोध मिलता है तो इस ओर व्यक्तिगत ध्यान देकर प्राथमिकता के आधार पर उसका निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन ही उनके गुजर बसर का एक मात्र सहारा होता है तथा अधिकांश परिवार भी पेंशन की धनराशि पर ही आश्रित होते हैं, इसलिए पेंशन देने एवं बकाया भुगतान में पूरी संवेदनशीलता से काम लिया जाय। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी के समक्ष लोक निर्माण विभाग बलिया से जून 2014 में सेवानिवृत्त हुए वर्क सुपरवाइजर मनमोहन द्वारा प्रस्तुत प्रकरण जिसमें वर्ष 1989 का रू0 289.00 का बकाया यात्रा से लेकर सेवाकाल में सेवानिवृत्ति के पश्चात अवशेष देयकों के भुगतान में कई पेचीदगियाॅं मिलने पर लोनिवि आज़मगढ़ एवं मऊ के अधिशासी अभियन्ताओं एवं मुख्य कोषाधिकारी बलिया की त्रिस्तरीय टीम गठित कर मामलों को एक माह के अन्दर सुलझाते हुए अवगत कराने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि इनके देयकों के कालतीत हो जाने के लिए दोषी कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके खिलाफ कार्यवाही भी की जाय। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने गन्ना विभाग आज़मगढ़ से दिसम्बर 2016 में सेवानिवृत्त विजय प्रताप सिंह के सेवाकाल के नगदीकरण, जीआईएस, पाॅंच वेतन वृद्धि कम होने आदि विसंगतियों के साथ कई अन्य मामलों में वेतन निर्धारण में गड़बड़ी के कारण बाधित पेंशन को दृष्टिगत रखते हुए ऐस सभी मामलों की जाॅंच हेतु अपर आयुक्त (प्रशासन) की अध्यक्षता में मुख्य कोषाधिकारी आज़मगढ़ एवं जिला गन्ना अधिकारी की त्रिसदस्यीय समिति का गठन कर ऐसे मामलों की जाॅंच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर अपर निदेशक कोषागार एवं पेंशन विजय कुमार सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी आज़मगढ़ हरी शंकर, अपर जिलाधिकारी बलिया केहरी सिंह, मुख्य कोषाधिकारी आज़मगढ़ विजय शंकर, वरिष्ठ कोषाधिकारी मऊ एवं बलिया क्रमशः मनीष कुशवाहा एवं ममता सिंह सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी तथा पेंशनर्स उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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