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मंडल में नये नलकूपों को विद्युत कनेक्शन न देने पर एसई पर कार्यवाही,मुख्य अभियन्ता से स्पष्टीकरण

अनारम्भ एवं अपूर्ण नलकूपों की स्थापना करें, नलकूपों हेतु जमीन शीघ्र उपलब्ध कराई जायेगी: मण्डलायुक्त

आज़मगढ़ 13 दिसम्बर -- मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी जल निमग की निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा में मण्डल के तीनों जनपदों में कई पूर्ण नलकूपों को विद्युत संयोजन की समस्या के कारण अनुपयोगी पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जहाॅं तीनों अधीक्षण अभियन्ताओं के विरुद्ध कार्यवाही हेतु शासन को अवगत कराये जाने का निर्देश दिया वहीं अधीनस्थों पर प्रभावी नियन्त्रण नहीं रख पाने एवं पर्यवेक्षणीय दायित्वों के निर्वहन में कमी मिलने पर मुख्य अभियन्ता विद्युत को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी शुक्रवार को अपने कार्यालय कक्ष में जल निगम विभाग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। समीक्षा में पाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल योजना के अन्तर्गत आज़मगढ़ में कुल 37 नलकूपों की स्थापना की जानी है जिसमें 2 पूर्ण हैं तथा कई परियोजनायें मार्च तक पूर्ण हो जायेंगी। आज़मगढ़ में भूमि की अनुपलब्धता एवं विवाद के कारण एक कार्य अनारम्भ है तथा 5 अन्य रुके हुए हैं। इसी प्रकार मऊ में 21 परियोजनायें स्वीकृत हैं जिसमें 4 पूर्ण तथा कई पूर्ण होने के करीब है। जनपद बलिया में 65 परियोजनाओं में से 6 पूर्ण, 18 अनारम्भ हैं। जनपद बलिया में मार्च तक 15 नलकूपों को मार्च तक पूरा किये जाने का लक्ष्य है। बैठक में अधीक्षण अभियन्ता जल निगम द्वारा अवगत कराया गया कि तीनों जनपद में 30 नलकूप ऐसे हैं जो पूर्ण हो गये हैं परन्तु 5-6 माह पूर्ण विद्युत कनेक्शन हेतु धनराशि जमा कर दिये जाने तथा उच्च स्तर पर निरन्तर निर्देश दिये के बावजूद विद्युत विभाग द्वारा कनेक्शन देने की कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। ज्ञातव्य हो कि विगत 17 अक्टूबर, 20 नवम्बर एवं 9 नवम्बर को मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी द्वारा इस आशय के निर्देश दिये गये थे कि जिन नलकूपों के विद्युतीकरण हेतु धनराशि जमा कर दी गयी हैं उन्हें तत्काल कनेक्श दिया जाय, परन्तु समीक्षा बैठक में प्रगति नगण्य पाये जाने पर उन्होंने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आज़मगढ़, मऊ एवं बलिया से आम विद्युत उपभाक्ताओं द्वारा भी निरन्तर विद्युत विभाग द्वारा गंभीर प्रकृति की अनियमितता करने के साक्ष्य और शिकायतें मिल रही हैं, यह स्थिति अत्यन्त आपत्तिजनक एवं अक्षम्य है। उन्होने इन प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए तीनों जनपद के अधीक्षण अभियन्ताओं के विरुद्ध कार्यवाही हेतु शासन को संस्तुति भेजने तथा मुख्य अभियन्ता विद्युत के स्तर पर्यवेक्षणीय दायित्वों के निर्वहन में कमी तथा अधीनस्थों पर प्रभावी नियन्त्रण का अभाव मिलने पर उनसे स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने जनपदों में हैण्डपम्पों की स्थापना के सम्बन्ध में नलकूप विभाग के अधिशासी अभिन्ताओं को निर्देशित किया कि जो भी हैण्डपम्प जनप्रतिनिधियों के स्तर पर लम्बित पड़े हैं उसके बारे में सम्बन्धित जनप्रतिनिधिगण से सम्पर्क कर शतप्रतिश हैण्डपम्पों को लगवाना सुनिश्चित करें। समीक्षा के दौरान उप निदेशक अर्थ एवं संख्या अमजद अली अन्सारी ने अवगत कराया कि वर्ष 2018-19 के आज़मगढ़ में 347, मऊ में 25 एवं बलिया में 112 हैण्डपम्प बचे हैं। मण्डलायुक्त ने युद्धस्तर अवशेष सभी हैण्डपम्पों को स्थापित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि भूमि विवाद के कारण नलकूपों की स्थापना का कार्य प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। जहाॅं जहाॅं भूमि विवाद के कारण कार्य अवरुद्ध अथवा अनारम्भ है उसकी तहसीलवार सूची उपलब्ध करायें ताकि सम्बन्धित उपजिलाधिकारी के माध्यम से भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
इस अवसर पर अपर आयुक्त (प्रशासन) धर्मेन्द्र सिंह, उप निदेशक अर्थ एवं संख्या अमजद अहल अन्सारी, अधीक्षण अभियन्ता जल निगम एमपी श्रीवास्तव, मऊ एवं बलिया के अधिशासी अभियन्ता क्रमशः एमए किदवई व अरविन्द, अपर सांख्यिकीय अधिकारी राजेन्द्र जायसवाल, सहायक अभियन्ता जल निगम टीएस यादव उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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