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आजमगढ: बाइक से 6000 कि.मी. सफर कर मलेशिया से अपने गांव आये अब्दुल वहीद


कहा इंडिया इज ग्रेट,  उनकी कीमती बाइकें लोगों में बनी रही आकर्षण का केंद्र 

15 दिन में मलेशिया से थाईलैंड, म्यांमार, इंफाल, मणिपुर, बिहार होते हुए 26 नवंबर को आजमगढ़ पहुंचे

आजमगढ। प्रवासी भारतीय अब्दुल वहीद और उस्मान को अपने वतन की मिट्टी की महक मलेशिया से खींच लाई है। यही कारण है कि लगभग 6000 किलोमीटर की यह यात्रा इन दोनों ने बाइक से की है। अब्दुल वाहिद के पिता लगभग 60 वर्ष पूर्व मलेशिया जाकर बस गए थे,लेकिन उनका दिल आजमगढ़ में ही बसता था। वहीद का जन्म भी आजमगढ़ में हुआ था यही कारण है कि आज भी अब्दुल वहीद को अपने वतन की मिट्टी की महक खींच लाती है। इन दोनों प्रवासी भारतीयों की अत्याधुनिक रेसर मोटर साइकिलें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रवासी. भारतीय अब्दुल वाहिद ने जानकारी दी की हमारे पिता आजमगढ़ जनपद के निजामाबाद थाना क्षेत्र के चकिया हुसैनाबाद फरिहा के रहने वाले थे और लगभग 60 वर्ष पहले मलेशिया में जाकर बस गए। वह भारत 15 वर्ष पहले भारत हवाई जहाज से आये थे जिस कारण वो अपने पूर्वजो की धरती भारत पूरा नहीं घूम पाए थे इसलिए उन्होंने मोटर साईकल से भारत आने का फैसला किया और अपने मित्र के साथ 2 मोटर साईकल से भारत पहुंच गए।
यहाँ आने पर कैसा लगा पूछने पर उन्होंने कहा की इंडिया इज ग्रेट , अब्दुल वहीद के साथ आये उनके मित्र ओस्मान का कहना है कि मोटर साईकल से आने का मतलब है भारत को नजदीक से देखना और समझना। इनको एक बात बहुत अच्छी लगी कि यहां सभी धर्मों के लोग एक साथ मजे से रहते है। उन्होंने बताया हम लोग 15 दिन में मलेशिया से थाईलैंड, म्यांमार, इंफाल, मणिपुर, बिहार होते हुए 26 नवंबर को आजमगढ़ पहुंचे हैं। उनके स्थानीय रिश्तेदार मोहम्मद फैजान ने जानकारी देते हुए कहा अब्दुल वाहिद और उस्मान हमारे रिश्तेदार लगते हैं और जब भी हम लोग मलेशिया जाते हैं तो इन्हीं के घर पर रुकते हैं। ये लोग कई बार आजमगढ़ आए हैं लेकिन पहली बार ये लोग इतनी लंबी यात्रा बाइक से तय किए हैं। निश्चित रूप से हमारे इन रिश्तेदारों के आने के बाद हम लोगों के घर पर खुशी का माहौल है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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