आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी बीएड डिग्री लगाकर नौकरी कर रहे थे
आजमगढ़ : आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी कर रहे आधा दर्जन शिक्षकों की बर्खास्तगी लगभग तय है। जांच में चिह्नित मिले इन शिक्षकों के सत्यापन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। सत्यापन में इनकी डिग्री फर्जी मिल चुकी है लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से बर्खास्तगी रूकी हुई है। यह सभी शिक्षक मेंहनगर, पवई व फूलपुर विकास खंड में तैनात हैं। जनपद में वर्ष 2004-05 में तमाम अभ्यर्थियों ने आगरा विश्वविद्यालय के बीएड की फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षक बन गए। इसके बाद जनपद के विभिन्न विद्यालयों में यह तैनात भी हो गए और बकायदा वेतन भुगतान भी कर रहे हैं। इसी प्रकार वर्ष 2016 में बीएसए कार्यालय द्वारा 15000 व 16448 शिक्षक भर्ती निकली थी। इसमें 15000 शिक्षक भर्ती में मेरिट कम होने की वजह से तमाम शिक्षक नियुक्ति पाने से वंचित हो गए। इसके बाद सैकड़ों अभ्यर्थियों ने विकलांग प्रमाण पत्र व फर्जी अंक पत्र के आधार पर 16448 शिक्षक भर्ती में अपनी नियुक्ति पा लिया। इन दोनों नियुक्तियों की जब शिकायत हुई तो शिक्षा विभाग की पारदर्शिता की परत-दर-परत खुलने लगी। पिछले दो सालों के रिकार्ड को खंगाला जाए तो अब तक तमाम शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। इसमें से 80 से अधिक शिक्षकों की बर्खास्तगी भी हो चुकी है। अभी दो दिन पूर्व वाराणसी के सकलडीहा पीजी कालेज के बीएड की फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी पाए गोरखपुर के शिक्षक उमेश प्रसाद शर्मा शिक्षक की सेवा बेसिक शिक्षा अधिकारीने समाप्त कर दी थी। यह अध्यापक वर्ष 2010 से मिर्जापुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बस्ती सरायमीर में तैनात था। इसकी भी बीएड की डिग्री भर्ती पाई गई थी। इसके अलावा मेंहनगर, पवई व फूलपुर विकास खंड में तैनात आधा दर्जन शिक्षक ऐसे हैं, जिनकी बीएड की डिग्री फर्जी मिली है। इन पर कार्रवाई की तलवार भी लटक रही है।
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