डाक टिकट हमारी राष्ट्रीय धरोहरों एवं घटनाओं को याद करने व अवसरों का उत्सव मनाने का मौका देता है- योगेंद्र मौर्य , प्रवर डाक अधीक्षक
देश को स्वतंत्र कराने में महात्मा गांधी के योगदान पर निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई
आजमगढ़ : भारतीय डाक विभाग द्वारा मनाए जा रहे राष्ट्रीय डाक सप्ताह के अंतर्गत शनिवार को प्रधान डाकघर में डाक टिकट संग्रह दिवस पर विविध कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस दौरान देश को स्वतंत्र कराने में महात्मा गांधी के योगदान पर निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। इस दौरान प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने डाकघर का भ्रमण कर डाक टिकट के संग्रहालयों के बारे में जाना।प्रवर डाक अधीक्षक योगेंद्र मौर्य ने बताया कि बेशक आज ई-मेल, वाट्सएप, मोबाइल आदि संचार के आधुनिक साधन हैं, लेकिन आज भी डाक विभाग व डाक टिकटों का औचित्य बना हुआ है। ज्यादा दिन नहीं हुए कि जब हर आम और खास लोग चिट्ठियां लिखकर भेजा करते थे, जिन पर डाक टिकट लगा होता था। डाक टिकट इतने आकर्षक व ज्ञानपूर्ण होते थे कि कई लोग इन्हें संग्रह करने का शौक बना लिया करते थे। आज भी लोगों के पास डाक टिकटों का विशाल संग्रह है। डाक टिकट हमारी राष्ट्रीय धरोहरों एवं घटनाओं को याद करने व अवसरों का उत्सव मनाने का मौका देता है। पत्र लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार उत्कर्ष शंकर मिश्रा, द्वितीय शौर्य मौर्य एवं तृतीय नम्रता त्रिपाठी दिया गया। साथ ही अन्य बच्चों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। इस मौके पर सीनियर पोस्टमास्टर जवाहर सिंह, राधेश्याम दुबे, सूर्यप्रकाश यादव, अजीत मौर्य, अमरदीप राय, पंचम यादव आदि मौजूद थे।
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