.

.

.

.
.

आजमगढ़: बैंक मित्र की हत्या व लूट में दरोगा समेत 2 नामजद , दरोगा लाइन हाज़िर

परिजनों ने पुलिस पर मिलीभगत कर लूट हत्या का आरोप लगा मामले में एफआईआर, पोस्टमॉर्टेम व अंत्येष्टि कराने से इनकार कर दिया था 

मृतक के भाई दिनेश यादव की तहरीर पर दरोगा रमेश सिंह समेत 2 के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया

आजमगढ़: कप्तानगंज थाना के पासीपुर नहर के पास एक दिन पूर्व शाम को जनसेवा केन्द्र के संचालक की गोली मारकर हत्या के मामले में जहाँ आक्रोशित लोगों ने पुलिस के खिलाफ मोलनापुर बाज़ार में चक्का जाम कर दिया वहीं कप्तानगंज थाना के दरोगा रमेश सिंह के खिलाफ अवैध वसूली व अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। मामले में पुलिस अधीक्षक ने संबंधित दरोगा को तत्काल लाइन हाज़िर कर दिया है। मृतक के भाई दिनेश यादव की तहरीर पर दरोगा रमेश सिंह समेत 2 के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया। शव के पोस्टमॉर्टेम के बाद महराजगंज थाना के भैरव बाबा स्थान के समीप कड़ी सुरक्षा में अंत्येष्टि हुई। एसपी ने बताया कि घटना में पुलिस ने एक संदिग्ध को पकड़ा है। बता दें कि हत्या के बाद देर शाम को पोस्टमॉर्टेम हाउस पर एम्बुलेंस से परिजन शव को उतारने नहीं दे रहे थे और पुलिस पर मिलीभगत कर लूट हत्या का आरोप लगा मामले में एफआईआर, पोस्टमॉर्टेम व अंत्येष्टि कराने से इनकार कर दिया। वहीं सपा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री  व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बलराम यादव, जिलाध्यक्ष हवलदार यादव के साथ ही भारी संख्या में लोग पहुँच गए और सरकार के इशारे पर जाति विशेष के लोगों की हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस के काफी मान मनौव्वल के बाद लोग पोस्टमॉर्टेम के लिए राजी हुए । पूरे घटना की जांच को एसपी सिटी को जिम्मेदारी दी गयी है। आजमगढ़ के कप्तानगंज थाना के भवानीपट्टी निवासी 42 वर्षीय रमेश यादव का मोलनापुर बाज़ार में जनसेवा केंद्र था और वह बैंक मित्र का भी काम करते थे। मंगलवार शाम को स्कूटी से कौड़िया स्थित इलाहाबाद बैंक की शाखा से से धन लेकर आ रहे थे। परिजनों के अनुसार उनके पास बैंक से लाया गया एक लाख 36 हज़ार रूपये भी था जिसे लूट लिया गया। घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी मच गयी थी। वहीं कुछ ही देर में घटना ने राजनीतिक रूप ले लिया। शव के पोस्टमॉर्टेम हाउस पहुँचने पर जहाँ परिजनों में कोहराम मचा था वहीं विरोध में शव को एम्बुलेंस से उतरने नहीं दिया जा रहा था। विशेष रूप से यादव वर्ग की हत्या का आरोप लगाया जा रहा था। बता दें कि रमेश यादव के साथ 7 माह पूर्व भी 1 मार्च को 1 लाख 10 हज़ार रुपये लूट लिए गए थे। मामले में नामजद रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी लेकिन आरोप है कि पुलिस ने मामले में लीपापोती की। इससे बदमाशों के हौसले बुलंद हो गए। आरोपी समझौता के लिए रमेश यादव पर दबाव बनाए हुए थे। मामले में एसपी का कहना है कि तब चार बदमाशों को पकड़ा जरुर गया था लेकिन पहचान नहीं हो पायी थी।

Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment