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पूर्व सांसद द्वारा गांधी आश्रम पर किया गया अवैध कब्जा प्रशासन ने पुलिस फोर्स के साथ हटाया

पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ फूलपुर कोतवाली में शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज
हुई थी 

भवन के गेट पर लिखा पूर्व सांसद का नामहटवाकर वहां फिर से गांधी आश्रम लिखवा दिया गया 


आजमगढ़ : जिलाधिकारी के आदेश पर अंबारी स्थित श्री गांधी आश्रम पर बसपा के पूर्व सांसद द्वारा किए गए अवैध कब्जा मंगलवार को प्रशासन ने पुलिस फोर्स के साथ हटवा दिया। कब्जे के आरोप में बसपा के पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ फूलपुर कोतवाली में शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी ।
समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने वाले भाजपा से सांसद रहे रमाकांत यादव के भाई व बसपा नेता उमाकांत यादव के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही की है। अम्बारी स्थित गांधी आश्रम जिस पर पूर्व सांसद उमाकांत यादव का कब्जा था वहां कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने उनका कब्जा खत्म कर दिया है। अब वहां प्रशासन ने गांधी आश्रम भवन को अपने कब्जे में लेकर वहां ताला लगा दिया है और भवन के गेट पर लिखा पूर्व सांसद का दिया हुआ नाम 'उमाकांत यादव का मकान हटवाकर वहां फिर से गांधी आश्रम लिखवा दिया है। बता दें कि इसके पहले गांधी आश्रम पर कब्जा करने के खिलाफ पूर्व सांसद सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था ।इस मामले में अम्बारी गांव निवासी और सरायमीर श्री गांधी आश्रम के इंचार्ज लालचन्द यादव की ओर से पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया गया है कि सरकारी सम्पत्ति श्री गांधी आश्रम भवन पर पूर्व सांसद उमाकांत यादव की शह पर उनके बेटों ने 27 सितम्बर की शाम को ताला तोड़कर उसमें रखा हुआ सामान उठवा लिया और भवन पर कब्जा कर लिया। साथ ही गांधी आश्रम के बोर्ड को गुलाबी रंग से पेंट कर भवन पर उमाकांत यादव भवन लिख दिया गया। इस मामले में चार अक्टूबर केा लालचन्द की तहरीर पर पुलिस ने उमाकांत यादव सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। इस मामले में डीएम के निर्देशपर पुलिस प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए गांधी आश्रम का ताला तोड़कर उसे कब्जे में ले लिया और वहां प्रशासन का ताला जड़ दिया गया। दोबारा उसका नाम भी गांधी आश्रम लिख दिया गया है। अगर पूरे मामले पर गौर किया जाए तो सरायमीर स्थित गांधी आश्रम के इंचार्ज लालचन्द की तहरीर के मुताबिक 1983 में श्री गांधी आश्रम के नाम पर जमीन का पट्टा पूराहादी अम्बारी में हुआ था।1984 में वर्ल्ड बैंक के पैसे से गांधी आश्रम का भवन भी बन गया, लेकिन पूर्व सांसद ने 1991 में जमीन का पट्टा अपने नाम करा लिया। मामला कोर्ट में चला गया और इस पर सुनवायी करते हुए बोर्ड ऑफ रेवेन्यू इलाहाबाद से उमाकांत यादव का पट्टा निरस्त कर दिया गया। आरोप है की पट्टा निरस्त हो जाने के बाद उमाकांत यादव के लोगों ने 27 सितम्बर की शाम को गांधी आश्रम का ताला तोड़कर उस पर कब्जा कर लिया था।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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