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आजमगढ़: चाणक्य नाटक में पद्मश्री मनोज जोशी की प्रस्तुति को खूब सराहा गया

दिव्य सेवा मिशन हरिद्वार द्वारा चाणक्य नाटक की हुई प्रस्तुति

आजमगढ़। जिस युद्ध में अनेकानेक छल प्रायोजित किए गए हो उस युद्ध को भारतवर्ष में धर्म युद्ध कहा गया है। राजा होना सुखी होने का मार्ग नहीं है स्मरण रहे। यह शिक्षक क्रांति करेगा पौरव नरेश। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व की घटना पर केंद्रित चाणक्य नाटक में पद्मश्री मनोज जोशी के संवाद रहे। नाटक केेेे दौरान दर्शकों के भी चेहरे के भाव बदलते रहे। दिव्य सेवा मिशन हरिद्वार की आजमगढ़ ईकाई द्वारा रविवार को राहुल सांकृत्यायन सभागार में ज्वलंत ऐतिहासिक नाटक चाणक्य की प्रस्तुति हुई। 1118 वीं बार इस नाटक को प्रस्तुत किया। अलेक्जेंडर को रोकने और भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए चाणक्य ने जो किया, चाणक्य के किरदार में प्रख्यात कलाकार एवं रंगकर्मी पद्मश्री मनोज जोशी ने दर्शकों को ढाई घंटे बांधे रखा। दिव्य सेवा मिशन के सेवा कार्यो को समर्पित इस नाटक में महानायक चाणक्य की कूटनीति को लोगों ने साउंड, लाइट इफेक्ट और कलाकारों के जीवंत अभिनय के माध्यम से देखा। नाटक में अपनी विद्वता से चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य से नंदवंश का नाश कराकर अखंड भारत का सपना पूरा किया। नाटक में ध्वनि स्टेज साज-सज्जा कहानी के साथ -साथ बदलती रही। किरदारों के संवाद बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत कर दर्शकों पर अनोखा प्रभाव छोड़ा। चाणक्य और पर्वतराज का संवाद, चंद्रगुप्त और चाणक्य संवाद और अंत में राक्षस आचार्य और चाणक्य संवाद ने लोगों की धड़कनें बढ़ा दी।चाणक्य ने चंद्रगुप्त को विजय दिलाने के लिए साम-दाम-दंड-भेद सब अपनाया। चाणक्य भारतवर्ष की स्वायत्तता की एकता और अखंडता के लिए नंद कुल के निकंदन की प्रतिज्ञा किया था।नाटक में चंद्रगुप्त मौर्य को चाणक्य ने महाभारत के श्री कृष्ण और अर्जुन संवाद की ही तरह पाठ पढ़ाया। 25 कलाकारों एवं अन्य सदस्यों ने अपने प्रतिभा से नाटक को सफल बनाया।
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक आशीष गौतम ने कहा कि जो बात कही जाए और उसे जीवन में न उतारा जाए तो उसे पाखंड कहते है। समाज के अभावग्रस्त लोगों के प्रति संवेदनशीलता होनी चाहिए। उन्होंने अपने मिशन और हरिद्वार में कुष्ठ रोगियों के लिए किए जा रहे कार्यों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस नाटक के माध्यम से राष्ट्रवाद का संदेश दिया गया है। जिलाधिकारी आज़मगढ़ एन पी सिंह मुख्य अतिथि ने सबसे पहले अखंड भारत की संकलपना करने वाले चाणक्य, संस्कृति के लिए विवेकानंद को नमन किया।
कार्यक्रम में विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह ने अध्यक्षता की। संचालन विजय बहादुर सिंह ने किया।
कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह,नपा अध्यक्ष शीला श्रीवास्तव, देवेंद्र सिंह, डॉ माधुरी सिंह, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, मिथिलेश सिंह, रवि श्रीवास्तव, चंद्रसेन सिंह, डॉ भक्तवत्सल, शंकर प्रसाद साव, सनी सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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