राजस्व अभिलेखों में फर्जी तरीके से मृतक दर्शाने की शिकायत जनसुनवाई के दौरान डीएम से की गई थी
आजमगढ़: सगड़ी तहसील के ग्राम गोड़इतपट्टी निवासी रामअवतार और रामआधार को राजस्व अभिलेखों में फर्जी तरीके से मृतक दर्शाने की शिकायत जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी से की गई थी। जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने एसडीएम सदर को उक्त प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिए थे। जांच में आरोप सही पाए जाने पर कर्मचारी पन्नालाल और राजनरायन सिंह के खिलाफ तत्काल एफआईआओर करने के निर्देश कोतवाली जीयनपुर को दिए हैं।जांच के बाद प्रस्तुत की गई तहसीलदार की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्राम अमलोनी के खाता संख्या 114 और ग्राम गोड़इतपट्टी के खाता संख्या 12 व 13, ग्राम कसड़ा आइमा के खाता संख्या 28 और 40, ग्राम कसड़ा खालसा के खाता संख्या 25 की जमीन रामआधार और रामअवतार की थी। तत्कालीन लेखपाल और राजस्व निरीक्षक ने रामअधार और रामअवतार को मृत दिखा दिया, जबकि दोनों जीवित थे। इससे जमीन शेष खातेदार इन्द्रजीत और राजेन्द्र पुत्र रामबली व रामदुलारी पत्नी रामबली का नाम हो गई। उन्होंने उक्त साढ़े तीन बीघे जमीन को बेच भी दी है। कोलकाता में रह रहे विकलांग रामावतार 15 अगस्त 2012 को गोड़इत पट्टी पहुंचे। मृतक संघ के लालबिहारी के साथ अपने जिंदा होने की लड़ाई लड़ी। वर्ष 2014 में उन्हें कागजात में जिंदा किया गया। राम अवतार ने 12 सितंबर को उक्त भूमि खरीदने वाले और बेचने वाले पर मुकदमा भी दर्ज कराया था। इसमें पुलिस ने बाद में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। जमीन पर कब्जा न मिने पर राष्ट्रपति के यहां गुहार लगाई थी। इसी शिकायत के आधार पर डीएम ने जांच कराई थी। एसडीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्राम गोड़इतपट्टी, कसड़ा आइमा व कसड़ा खालसा पर गलत आदेश चार जुलाई 2019 को तत्कालीन लेखपाल पन्नालाल और राजस्व निरीक्षक राजनरायन सिंह ने किया था। ग्राम अमलोनी के संबंध में गलत आदेश छह जुलाई 2019 को तत्कालीन लेखपाल रामविजय शाही और राजस्व निरीक्षक राजनरायन सिंह ने किया था। पन्नालाल मण्डल परशुरामपुर तहसील सगड़ी में कार्यरत हैं। इनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है। तत्कालीन लेखपाल रामविजय शाही सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उनकी मौत हो चुकी है। तत्कालीन राजस्व निरीक्षक राजनरायन सिंह तहसील सदर से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। डीएम के निर्देश पर तत्कालीन राजस्व निरीक्षक राजनरायन सिंह पर विभागीय कार्रवाई के लिए भूलेख कार्यालय को भेजी गई है। दोषी कर्मचारी पन्नालाल और राजनरायन सिंह के खिलाफ एफआईआर के निर्देश कोतवाली जीयनपुर को दिए गए हैं। साथ ही डीएम ने एसपी को इस प्रकरण में 2014 में दर्ज मामले में पुनर्विवेचना तथा तत्कालीन विवेचक की जांच के आदेश दिए हैं। एसपी की ओर से भी जांच शुरू कर दी गई है।
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