छह माह पूर्व घायल लावारिस हिरण को वन विभाग ने एक व्यक्ति सौंप कर दो दिन बाद ले जाने को कहा था
अहरौला (आजमगढ़) : शाकाहारी वन्य जीव सुरक्षित नहीं हैं। इसकी बानगी आपको अहरौला क्षेत्र में देखने को मिलेगी। वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी छह माह पूर्व घायल लावारिस हिरण को पकड़कर एक व्यक्ति के दरवाजे पर बांधकर भूल गए। इतना ही नही फोन पर ले जाने की बात कहने के बाद भी इसको अंजाम नहीं दिए। जानकारी मुताबिक कप्तानगंज थाना क्षेत्र के नरफोरा गांव में छह माह पूर्व घायल हिरण को वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की सूचना पर पकड़ा था। टीम के लोग उस हिरन को अहरौला थाना क्षेत्र के बासथान गांव निवासी मंतलाल राम के घर ले गए। मंतलाल राम के परिवार वालों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारियों ने दो दिन बाद हिरण ले जाने की बात कहकर उसके यहां हिरन बांध दिया और चले गए। मंतलाल की पत्नी सुनीता देवी ने बताया कि अपने पैसे से घायल हिरण का उपचार कराया लेकिन आज तक जिम्मेदार अधिकारी झांकने तक नहीं आए। हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने फोन पर ले जाने की बात कही लेकिन नहीं ले गए। ऐसे में भय बना रहता है कि कहीं हिरण को कुछ हो न जाए। परिवार के लोगों ने जिला प्रशासन से हिरण की सुरक्षा के लिए उचित कार्रवाई करने की मांग की है। इस संबंध में डीएफओ आयोध्या प्रसाद ने कहा कि अभी तक हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो उसकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
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