चिह्नित भूमि के अलावा अवशेष भूमि किसानों से उनकी सहमति के आधार पर खरीदी जाएगी- जिलाधिकारी
आजमगढ़ : जिले में विश्वविद्यालय स्थापना की सभी अड़चने लगभग दूर हो गई हैं। चिह्नित भूमि के अलावा अवशेष भूमि किसानों से उनकी सहमति के आधार पर खरीदी जाएगी जिसकी रिपोर्ट मानचित्र सहित शासन को भेज दी गई है। आदेश मिलते ही भूमि क्रय की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 17वीं लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले जनपदवासियों ने विश्वविद्यालय स्थापना के लिए पूरे जिले में हस्ताक्षर अभियान चलाया। उसके बाद अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वादे के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में विश्वविद्यालय स्थापना की मंजूरी दे दी। इसके बाद शासन ने विश्वविद्यालय स्थापना के लिए 48 एकड़ ग्रामसभा की भूमि चिह्नित कर प्रस्ताव मांगा था। तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी एसडीएम ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र में एक स्थान पर 48 एकड़ ग्रामसभा की भूमि न मिलने की रिपोर्ट दे दी। इसके बाद यही आख्या शासन को भेज दी गई। कुछ दिन बाद शासन से पुन: भूमि तलाश चिह्नित करने के लिए रिमाइंडर भेजा गया है। जिलाधिकारी ने इसके लिए सीआरओ के नेतृत्व में एसडीएम सदर एवं एसओसी चकंबदी की टीम गठित की। ब्लाक सठियांव के मोहब्बतपुर में लगभग 37.50 एकड़ ग्रामसभा की भूमि चिह्नित की गई। 48 एकड़ का मानक पूरा करने लिए शेष 11.50 एकड़ और लगभग छह एकड़ रास्ते के लिए भूमि खरीद की सहमति किसानों ने दी है। नजरी नक्शा सहित प्रस्तावित भूमि का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। जिलाधिकारी एन पी सिंह ने बताया की तहसील सदर के विकास खंड सठियांव के मोहब्बतपुर में लगभग 37.50 एकड़ ग्रामसभा की भूमि चिह्नित कर नजरी नक्शा के साथ उसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया था। विश्वविद्यालय और रास्ते के लिए किसानों से भूमि खरीदी जाएगी जिसकी सहमति भी मिल गई है। रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। स्वीकृति मिलते ही भूमि की खरीद शुरू हो जाएगी।
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