रोजगार सेवकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने व अन्य समस्याओं के समाधान की मांग
आजमगढ़ : संविदा पर नियुक्त 37 हजार ग्राम रोजगार सेवकों को विनियमित कर राज्य कर्मचारी का दर्जा देने व अन्य समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने विरोध-प्रदर्शन किया गया। ग्राम रोजगार सेवकों ने नौ सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा। साथ ही मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। रोजगार सेवकों का कहना है कि ग्राम रोजगार सेवकों का मासिक मानदेय छह हजार रुपये निर्धारित है, जबकि भारत के कई राज्यों में 'समूह ग' के कर्मचारियों के समान वेतन भुगतान व ग्रेड पे की व्यवस्था है। इसलिए उत्तर प्रदेश में भी ग्राम रोजगार सेवकों के लिए भी समान वेतन लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने मांग किया कि जिस तरह कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि, ग्रेच्युटी, पेंशन, बोनस, हेल्थ इंश्योरेंश व दुर्घटना बीमा आदि की सुविधा है उसी प्रकार उन्हें भी दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार की अनेक योजनाओं को संचालित करने में अपना योगदान देते हैं लेकिन जाब चार्ट में सिर्फ मनरेगा का कार्य ही होने के कारण उनके योगदान की गिनती नहीं की जाती है। इनके जाब चार्ट में मनरेगा के अतिरिक्त अन्य कार्यों को जोड़ा जाना न्यायोचित होगा। इस अवसर पर रामबचन सरोज, प्रदीप कुमार सिंह, अनुज यादव, रामविनय यादव, चंद्रमणि व राशिद जमाल अख्तर सहित आदि उपस्थित थे।
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