भविष्य का भारत-कलाकारों व साहित्यकारों की भूमिका विषय पर संगोष्ठी भी आयोजित हुई
आजमगढ़: संस्कार भारती आजमगढ़ की ओर से गुरू पूर्णिमा की संध्या पर कला गुरूओं का सम्मान एवं भविष्य का भारत-कलाकारों व साहित्यकारों की भूमिका विषयक पर संगोष्ठी का आयोजन सोमवार की देर सांय किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद संस्कार भारती के संरक्षक, पद्मश्री बाबा योगेन्द्र जी ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले कला गुरूओं को सम्मानित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रीय संरक्षक बाबा योगेंद्र ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित व दीप प्रज्जवलित कर किया। इस मौके पर पद्मश्री बाबा योगेन्द्र जी ने गुरू को सबसे बड़ा बताते हुए कहा कि कला से बड़ी कोई साधना नहीं है, कला के दम पर ही हमें हमारा श्रेष्ठ गुरू मिलता है। कला में डूबा व्यक्ति ही कला को सम्पूर्णता प्रदान करता है। जिसके बाद साहित्य जगत से जगदीश प्रसाद बरनवाल कुंद, आर्ट और क्राफ्ट में श्रीमती संतोष सिंह, कला से विभा गोयल, कत्थक नृत्य में मनन पांडेय व संगीत के क्षेत्र में अनीता यादव को संस्कार भारती कला सम्मान से नवाजा गया। अंत में आंगतुकों के प्रति आभार जताते हुए संस्कार भारती के अध्यक्ष डीपी तिवारी ने कहा कि 96 वर्ष की आयु में भी योगेन्द्र जी कला साधना कर रहे हैं। एक कलाकार के रूप में वह 73 साल पूरे कर चुके हैं। इनसे कला साधक के साथ-साथ स्वास्थ्य साधक बनने की कला सीखी जा सकती है। इनके विचारों से हजारों लोगों को दिशा मिली है। उनका आजमग इस अवसर पर संस्था के काशी प्रान्तके पदाधिकारी अध्यक्ष सनातन दुबे, काशी प्रान्त के महामंत्री सुजीत श्रीवास्तव, प्रदेश उपाध्यक्ष हीरा लाल शर्मा, महामंत्री विजेंद्र श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष अरविंद बरनवाल, मंत्री संगठन जितेंद्र सिंह आदि सहित तमाम समाजसेवी संगठनों के प्रमुख मौजूद रहे।
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