बैंक प्रत्येक ब्रांच इंजीनियर, मेडिकल, एमबीए के छात्रों को शिक्षा ऋण उपलब्ध करायें
आजमगढ़। जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला सलाहकार व समन्वयक, स्थायी समिति (डीसीसी), जिला स्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी) ऋण जमानुपात निगरानी समिति (सीडी रेसिओ) (मार्च 2019 तिमाही) की बैठक सम्पन्न हुई। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में बैंकों का सीडी रेसिओ 17 प्रतिशत है। उन्होने कहा कि सभी बैंक अपना सीडी रेसिओ 40 प्रतिशत करें, जिससे युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले। जिलाधिकारी द्वारा सभी संबंधित बैंकों के सीडी रेसिओ की समीक्षा की गयी, जिसमें उन्होने कहा कि जिस ब्रांच की सीडी रेसिओ 40 प्रतिशत से कम है, इसका मतलब उस बैंक की प्रणाली ठीक से कार्य नही कर रही है। उन्होने कहा कि आजीविका मिशन के अन्तर्गत समूह की महिलाओं को ऋण उपलब्ध करायें। इसी के साथ ही साथ शिक्षित बेरोजगारों को स्टैण्ड-अप, स्टार्ट-अप, मुद्रा लोन योजना आदि से जोड़ कर उनको रोजगार उपलब्ध करायें। जिलाधिकारी ने एलडीओ (आरबीआई) को निर्देश दिये कि बैंकों के परफारर्मेन्स इन्डीकेटर जुलाई के अन्त तक बनाकर उपलब्ध करायें, तथा इसको सभी बैंको के ब्रांचों को भी उपलब्ध करायें। उन्होने सभी बैंकों के डीसी से कहा कि अपने सभी संबंधित बैंकों के ब्रांचों को बतायें कि परफारर्मेन्स इन्डीकेटर के अनुसार कार्य करें। उन्होने बैंकों से कहा कि प्रत्येक ब्रांच इंजीनियर, मेडिकल, एमबीए के छात्रों को शिक्षा ऋण उपलब्ध करायें। जिलाधिकारी ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड को खोलने में सभी बैंक सहयोग करें। जिलाधिकारी ने एलडीएम यूबीआई को निर्देश दिये कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत स्माल वेण्डरों को जोडें, उसमें बैंक मित्रों का सहयोग लें। आगे उन्होने एलडीएम यूबीआई से कहा कि अगली बैठक में संबंधित बैंकों के शाखावार परफार्मेन्स इन्डीकेटर पर जो बैंक मैनेजर अच्छा कार्य किये हैं, और जिनका कार्य खराब है, उसकी रिपोर्ट उपलब्ध करायें। इस अवसर पर एलडीओ (आरबीआई) एसके खड़े, डीडीएम नाबार्ड शशि भूषण, उपक्षेत्र प्रमुख यूबीआई उपेन्द्र कुमार, सभी संबंधित बैंकों के डीसी, प्रतिनिधि, डीसी एनआरएलएम बीके मोहन, जिला सूचना अधिकारी डाॅ0 जितेन्द्र प्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी डाॅ0 उमेश कुमार गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
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