आजमगढ़।23 जुलाई। भारत रक्षा दल के तत्वावधान में मंगलवार 23 जुलाई को चन्द्रशेखर आजाद की 113वीं जयंती उनके हर्रा के चुंगी स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा पूर्वक मनायी गयी। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए भारद के जिलाध्यक्ष उमेश सिंह‘गुड्डू‘ ने बताया कि चन्द्रशेखर आजाद रामप्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। सन् 1922 में गांधी जी द्वारा असहयोग आन्दोलन को अचानक बंद कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रान्तिकारी गतिविधियों से जुड़ कर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बने। इस संस्था के माध्यम से ही आजाद जी ने राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में पहले 9 अगस्त 1925 को एैतिहासिक काकोरी कांड को अंजाम दिया और फरार हो गये। इसके पष्चात 1927 में बिस्मिल के साथ 4 प्रमुख साथियों के बलिदान के बाद उन्होनें उत्तर भारत की सभी क्रान्तिकारी पार्टियों को मिलाकर एक करते हुए हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया तथा भगत सिंह के साथ लाहौर में लाला लाजपत राय की मौत का बदला साण्डर्स का हत्या करके लिया एवं दिल्ली पहुच कर असेम्बली बम काण्ड को अंजाम दिया। एैसे महामानव से हमें और हमारी आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर हिन्दू राष्ट्रवाद के पिता, भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी भी उनके जयन्ती के अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। कार्यक्रम की संचालन संगठन के जिला सचिव निशीथ रंजन तिवारी ने किया। इस अवसर पर संगठन के मण्डल अध्यक्ष मोहम्मद अफजल, मनीष कृष्ण साहिल, डा. धीर जी श्रीवास्तव, अनूप श्रीवास्तव, विपिन गुप्ता, दुर्गेश श्रीवास्तव, आदि प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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