सिधारी थाना क्षेत्र के भदुली गांव में लगभग पौने नौ वर्ष पूर्व हुई थी मारपीट की घटना
आजमगढ़ : सिधारी थाना क्षेत्र के भदुली गांव में लगभग पौने नौ वर्ष पूर्व हुए मारपीट के मुकदमे की सुनवाई करते हुए सोमवार को कोर्ट ने सात आरोपितों को तीन-तीन वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसी के साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक आरोपितों पर साढ़े बारह-साढ़े बारह हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। उक्त फैसला अपर सत्र न्यायाधीश गौरव कुमार श्रीवास्तव ने सुनाया।अभियोजन कथन के अनुसार सिधारी थाना क्षेत्र के भदुली गांव निवासी व वादी मुकदमा हफीज उर्फ मिस्टर पुत्र स्व. मेहंदी 26 सितंबर 2010 की रात आठ बजे अपने दरवाजे पर बैठे थे। उसी दौरान रहीम के घर तौहीद व बाबू आदि ईंट फेंकने लगे। जिसे वादी ने मना करते हुए बीच बचाव किया। इसी रंजिश को लेकर दूसरे दिन 27 सितंबर सुबह साढ़े छह बजे तौहीद पुत्र तौफीक, बाबू व ईमाम अली पुत्रगण इसरार, अशफाक पुत्र झिन्नू, आ•ाद पुत्र हमीद, कव्वाल पुत्र रउफ, तवरेज व जावेद पुत्रगण आजाद ने मिलकर वादी मुकदमा को लाठी डंडे से मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। वादी को बचाने के लिए जब इमरान व नसीम, हिना आए तो उन्हें भी मारपीट दिया। इस हमले में इमरान सिर में गंभीर चोट आयी। नाबालिग होने के कारण तवरेज की पत्रावली अलग कर दी गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता शिवाश्रय राय समेत कुल सात गवाहों को बतौर गवाह अदालत ने परीक्षित कराया गया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने अशफाक, कव्वाल, इमाम अली, जावेद, आजाद व बाबू उर्फ अब्दुल हफीज को तीन-तीन वर्ष के कारावास और प्रत्येक को साढ़े बारह-साढ़े बारह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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