अहरौला का मामला ,ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आरोपितों के पक्ष में पुलिस जबरिया बयान करने में लगी हुई है
आजमगढ़: अहरौला थाने क्षेत्र के एक गांव में सोमवार की दोपहर को कोर्ट में 164 का बयान कराने के लिए किशोरी के घर पहुंची पुलिस टीम को ग्रामीणों ने घेर लिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आरोपितों के पक्ष में पुलिस जबरिया बयान करने में लगी हुई है। सीओ व एसओ के समझाने पर ग्रामीण शांत हो गए। पुलिस टीम वहां से बैरंग ही वापस लौट गयी। अहरौला क्षेत्र की निवासी एक किशोरी का 13 जून को अपहरण कर लिया गया था। इस मामले में इसी थाना क्षेत्र के जागापुर गांव निवासी मोहम्मद मुस्तकीम, अबू बकर उर्फ पप्पू, गोलू पुत्र रियाज के खिलाफ किशोरी के परिजन की ओर से दूसरे दिन 14 जून को अहरौला थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपित मोहम्मद मुस्तकीम को 15 जून को फूलवरिया के समीप से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपित का चालान न कर उसे पुलिस थाने में ही तभी से बैठाए हुए है। बरामद की गयी किशोरी का कोर्ट में 164 का बयान कराने के लिए अहरौला थाना के सब इंस्पेक्टर पुरुष व महिला आरक्षी के साथ किशोरी के घर सोमवार की दोपहर को पहुंचे। पुलिस उक्त किशोरी को जबरन अपने साथ कलमवद्ध बयान कराने के लिए कोर्ट ले जाने लगी। इस बीच दहशत के चलते किशोरी बेहोश हो गयी। इस बात की जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो वे मौके पर पहुंच कर पुलिस को घेर लिए। घेराबंदी करने की खबर पाकर कई थानों की पुलिस के साथ सीओ बूढ़नपुर रामजन्म, अहरौला थानाध्यक्ष मदनचंद पटेल भी मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस आरोपितों को बचाने के लिए जबरन किशोरी को ले जाकर उसका बयान कराना चाह रही है। सीओ व एसओ के समझाने के बाद ग्रामीण शांत हो गए। पुलिस टीम वहां से बैरंग ही वापस लौट गयी। एसओ का कहना है कि कोर्ट में अपहृत किशोरी का मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराना पुलिस की कानूनी कार्रवाई है। इसी लिए पुलिस किशोरी को कोर्ट ले जाने के लिए उसके घर गयी थी।
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