आजमगढ़.: लोकसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह के संसदीय क्षेत्र में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी की प्रमुख प्रदेश महासचिव सुनीता सिंह पार्टी का दामन छोड़ दोबारा सपा में शामिल हो गयी। इसे शिवपाल यादव की पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सुनीता के बुधवार को आजमगढ़ पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। बता दें कि मूल रूप से आजमगढ़ जिले के तरवां क्षेत्र की रहने वाली सुनीता सिंह को शिवपाल यादव का बेहद करीबी माना जाता है। शिवपाल यादव जब सपा के प्रदेश अध्यक्ष थे उस समय सुनीता सिंह को महिला सभा आजमगढ़ का जिलाध्यक्ष बनाया था। बसपा सरकार के खिलाफ सपा के आंदोलन में सुनीता सिंह के नेतृत्व में महिला प्रकोष्ठ ने काफी अहम भूमिका निभाई थी। वर्ष 2016 में सपा मुखिया परिवार में मची रार के दौरान जब शिववाल यादव प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये गए तो नए अध्यक्ष नरेश उत्तम ने सुनीता को महिला सभा के अध्यक्ष पद से हटा दिया। इसके बाद से ही सुनीता पार्टी से नाराज चल रही थी। शिवपाल यादव द्वारा सपा से अलग होने के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया गया सुनीता दर्जन भर महिला नेत्रियों के साथ प्रसपा में शामिल हो गयी। शिवपाल ने भी इन्हें प्रमुख महासचिव बना दिया। शिवपाल की पार्टी द्वारा पिछले दिनों आजमगढ़ से लगायत लखनऊ तक किये गए शक्ति प्रदर्शन में सुनीता भीड़ जुटाने में काफी मदद की लेकिन अखिलेश के आजमगढ़ से लड़ने के फैसले व डिपंल से मुलाकात के बाद सुनीता का मन बदल गया और वे फिर सपा में वापस लौट गयी। सपा में शामिल होने के बाद बुधवार को आजमगढ़ पहुंची तो कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि सुनीता की वापसी से पार्टी को मजबूती मिलेगी। सुनीता सिंह ने भी कहाकि आजमगढ में लोकसभा चुनाव का परिणाम ऐतिहासिक होगा और देश की राजनीति को दिशा देगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की विजय अभूतपूर्व होगी, क्योंकि आजमगढ़ के विकास की हर ईंट पर सपा मुखिया का नाम है। उन्होने कहाकि चुनाव में समाज का हर तबका किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान, महिलाएं, अल्पसंख्यक, दलित, सपा मुखिया के पक्ष में खुद चुनाव मैदान में उतरेंगे। लालगंज में नगर पंचायत चेयरमैन शरद यादव के आवास पर भी पार्टी कार्यकर्ताओं ने श्रीमती सुनीता सिंह का फूल-मालाओं से स्वागत किया।
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