घरों में लगे आर ओ सिस्टम में 10 लीटर पानी बनाने में 30 लीटर पानी नुक्सान होता हैं जिसका बेहतर उपयोग अन्य कामो में हो सकता है
आजमगढ़। जल संचयन को लेकर परिवर्तन सेवा संस्थान गांधी गिरी टीम के विवेक पांडेय व कार्यक्रम संयोजक ऋषभ पंडित द्वारा सिधारी के समीप व्यापक पैमाने पर जागरूक कार्यक्रम चलाया गया। जल बचाने की इस अनोखी कोशिश के लिए गांधीगिरी टीम द्वारा गुलाब का फूल देकर जल संरक्षण के प्रति क्रांति की शुरुआत रविवार को की गयी। इसके साथ यह जागरूकता कार्यक्रम प्रत्येक सप्ताह चलाये जाने के लिए संकल्प भी लिया गया। इस दौरान विवेक पांडेय ने बताया कि घरों में लगे जो आरो होते हैं उसमें 10 लीटर पानी बनता है तो 30 लीटर पानी नुकसान होता है 40 लीटर पानी में मात्र 10 लीटर पानी उपयोग में आता है। 30 लीटर पानी बह जाता है अगर हम उस पानी को स्टोर करके रखे तो उससे अगर हम कपड़े को धोते हैं। बर्तन को घुलते हैं या उसको पौधों में डालते हैं तो वह फायदेमंद होता है वह साबुन की मात्रा व खाद की मात्रा की भी कम जरूरत पड़ती है। यह अभियान आजमगढ़ आजमगढ़ में शुरू कर दिया गया है; वहीं आए दिन लगातार गाड़ी घुलने की खुल रही दुकानों पर भी हमारी आपत्ति है। जैसे एक गाड़ी की सर्विसिंग की जाती है उसी प्रकार से एकता होना चाहिए गाड़ी की धुलाई हफ्ते या महीने में कितनी बार की जानी चाहिए। कार्यक्रम संयोजक ऋषभ पंडित ने बताया कि अगर हमें पानी जो कि एक बहुमूल्य तत्व के रूप में धरती पर मौजूद है उसको बचाने के लिए हम सभी को प्रयास करना होगा जो आतंकवाद से भी बड़ा मुद्दा व समस्या के रूप में हमारे समक्ष मुंह बाये खड़ा होने जा रहा है। अगर हम आज जागरूक नहीं हुए तो पानी के लिए विश्वयुद्ध तक देखना पड़ेगा। इसलिए हमें आज से ही संकल्पित होकर लोगों को जागरूक करते हुए लोगां को बताना होगा कि पानी की उपयोगिता। इस अवसर पर संस्था के सचिव विवेक पांडे व कार्यक्रम संयोजक ऋषभ पंडित, सौरभ सिंह परमार, सौरव पंडित, रितेश, दुर्गेश, मोहम्मद समीर आदि लोग मौजूद रहे।
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