जिन किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाया गया है उनके ऊपर एक सप्ताह के अंदर वसूली की कार्रवाई होगी -डीएम
आजमगढ़ : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के सख्त आदेश की अनदेखी जारी है। खेतों में लगातार गेहूं के फसल के अवशेष यानी पराली जलाया जा रहा है। हालांकि बहुतायत किसानों का कहना है कि पराली जलाने से खेत को नुकसान होता है। इसलिए कोई भी किसान अपनी मिट्टी खराब नहीं करना चाहता है। इसके अलावा चारे की भी दिक्कत आती है। यह काम अराजकतत्वों की देन है। फिलहाल जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने गंभीरता से लेते हुए सख्त निर्देश दिया कि जिन किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाया गया है। उन्हें चिह्नित कर एक सप्ताह के अंदर वसूली की कार्रवाई की जाए। इसी क्रम में जिले के बीस लोगों को चिह्नित किया गया है। उप कृषि निदेशक डा. आरके मौर्य ने बताया कि एनजीटी के आदेश के क्रम में विकासखंड ठेकमा के गांव पसिका से त्रिभुवन, रोहित , जनार्दन एवं गांव सराय मोहन से श्यामनारायण राय, शरद राय, विनोद राय, लल्लन राय, अनिल राय ,कृष्णमोहन राय और अजय राय के खेत में फसल अवशेष जलाने की घटना प्रकाश में आई है। इसी प्रकार विकासखंड सठियांव के शाहगढ़ में सुरेश सोनकर, मुहम्मदपुर के सरसेना खालसा से सफीक अहमद, गांव धनौली से बदरे आलम ,राजनारायण सिंह, गांव मुजफ्फरपुर से अबू बकर ,छाऊं से आदिल शेख ,जय राम और विकास खंड तहबरपुर से महानंद राय ,भुक्खू यादव और फौजदार यादव के द्वारा फसल अवशेष जलाए जाने मामला प्रकाश में आया है। इनसे अर्थदंड की धनराशि की वसूली की कार्रवाई की जा रही है ।
Blogger Comment
Facebook Comment