भाजपा नेता ने आरोप लगाया की अखिलेश यादव और पत्नी डिंपल ने जमीन की कीमत पूर्व के नामांकनो में दिए गए मूल्य से घटा कर दिखाया है
आजमगढ़ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, अखिलेश के आजमगढ़ से नामांकन को लेकर भाजपा के एक नेता ने जिला निर्वाचन अधिकारी से आपत्ति दर्ज कराइ है। जिलाधिकारी को सौंपे गए पत्र में बीजेपी नेता श्री कृष्ण पाल ने अखिलेश के नामांकन दस्तावेजों में सम्पति के मूल्य के अलग अलग वर्णन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आपत्ति दाखिल कर अखिलेश यादव को नोटिस जारी करने तथा उनका नामाकंन रद्द करने की मांग की है। भाजपा नेता श्रीकृष्ण पाल के मुताबिक इस शपथ पत्र में अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी की संपत्ति को लेकर झूठ बोला है। उन्होंने आपत्ति में कहा है कि अखिलेश यादव वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के अपने नामाकंन में पेज संख्या 7 पर साकिन मुचहरा सैफई इटावा क्रय की गयी भूमि रक्बा 17.93 एकड़ का मूल्य 14,96,561 रूपया दर्शाया है। जबकि विधान परिषद चुनाव 2012 में अखिलेश यादव द्वारा उक्त भूमि का मूल्य 17,53,997 रूपये दिखाया गया है। यही नहीं वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने उक्त भूमि की कीमत 17,53,997 रूपये दर्शाया था लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने नामाकंन के पेज संख्या आठ पर उसी भूमि की कीमत 14,96,541 दर्शाया है। श्रीकृष्ण पाल ने कहा कि यह जानबूझ कर की गयी गलती है। कारण कि इत्तफाक एक जगह हो सकता है दो-दो जगह नहीं। जमीन की वैल्यु बदलती है। सही मामले में उसकी कीमत बढ़नी चाहिए जबकि इसे घटा कर दिखाया गया है। इसलिए हमने जिला निर्वाचन अधिकारी से मांग की है कि अखिलेश का नामाकंन रद्द करते हुए उन्हें नोटिस जारी की जाय। आरोप है कि अखिलेश यादव की एफिडेविट में संपत्ति के मूल्य को लेकर अलग-अलग दावे किए गए हैं।
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