शपथ पत्र में अखिलेश ने अपनी कुल संपत्ति 37 करोड़ 78 लाख 59 हजार 166 रुपये दर्शाया है जो 2012 से लगभग चार गुना है
आजमगढ़। समाजवादी पार्टी के मुखिया व आजमगढ़ लोकसभा सीट से पार्टी के प्रत्याशी अखिलेश यादव की चल-अचल संपत्ति बीते आठ वर्षों में लगभग चार गुना बढ़ी है। इसकी पुष्टि अखिलेश यादव द्वारा गुरुवार को किए गये नामांकन व 2012 के विधान परिषद सदस्य चुने जाने के दौरान प्रस्तुत किए गए शपथ पत्रों से हुई है। अखिलेश यादव 2009 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज व फिरोजबाद संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर अपने राजनैतिक कैरियर की शुरूआत किये थे। दोनों सीटों से ही इन्होंने जीत दर्ज की थी और बाद में फिरोजबाद सीट को छोड़ दिया था। इस लोकसभा चुनाव में नामांकन के दौरान उन्होंने जो शपथ पत्र दाखिल किया था उसमें उनकी कुल चल-अचल संपत्ति चार करोड़ 85 लाख 82 हजार 202 रुपये थी। 2012 के विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को बहुमत मिला और कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दौरान वे विधान मंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं थे। बाद में उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता ली। 2012 में कन्नौज सीट की सांसदी छोडने के बाद विधान परिषद चुनाव में उन्होंने जो शपथ पत्र दाखिल किया था उसमें उनकी चल-अचल संपत्ति बढ़ कर आठ करोड़ 81 लाख 83 हजार 462 रुपये हो गई थी। विधान परिषद का सदस्य रहते हुए ही अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल को पूरा किया गया। 2017 का विधान सभा चुनाव इन्होंने नहीं लड़ा था। अब 2019 के लोकसभा चुनाव में ये आजमगढ़ संसदीय सीट से अपनी दावेदारी प्रस्तुत किये है। गुरुवार को अखिलेश ने जिला निर्वाचन अधिकारी आजमगढ़ शिवाकांत द्विवेदी के समक्ष अपना नामांकन प्रस्तुत किया। इस नामांकन के साथ प्रस्तुत शपथ पत्र में अखिलेश ने अपनी कुल संपत्ति 37 करोड़ 78 लाख 59 हजार 166 रुपये दर्शाया है। जो 2012 के विधान परिषद चुनाव के शपथ पत्र में घोषित संपत्ति का लगभग चार गुना है। 2019 के लोकसभा चुनाव में शपथ पत्र में अखिलेश की अकेली की संपत्ति 24 करोड़ 80 लाख 23 हजार 057 रुपये है तो वहीं उनकी पत्नी डिंपल यादव की कुल संपत्ति 12 करोड़ 98 लाख 36 हजार 109 है।
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