आजमगढ़ 12 मार्च-- अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन नरेन्द्र सिंह ने बताया है कि जनपद में वर्तमान में विभिन्न दलों/संगठनों द्वारा विभिन्न समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन व ज्ञापन दिये जाने का कार्यक्रम आयोजित किये जाने व विभिन्न त्योहारों व परीक्षाओं के आयोजन में शान्ति व्यवस्था बनाये रखने हेतु दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अन्तर्गत आदेश प्रसारित किया गया है, जो दिनांक 27 मार्च 2019 तक प्रभावी है। वर्तमान में लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2019 के कार्यक्रमों के तहत जनपद की सभी 02 लोक सभाओं में निर्वाचन 12 मई 2019 व मतगणना 23 मई 2019 को सुनिश्चित है, और सम्पूर्ण उ0प्र0 में आदर्श आचार संहिता लागू है। अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन नरेन्द्र सिंह ने कहा है कि धरना प्रदर्शनों/जुलूसों/आन्दोलनों/सार्वजनिक कार्यक्रमों आदि के सम्बन्ध में दिये गये महत्वपूर्ण दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। उन्होने कहा है कि विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर मेरा यह समाधान हो गया है कि कुछ असामाजिक अवांछनीय, शरारती व समाज विरोधी तत्व आसन्न लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2019 के निर्वाचन व मतगणना संचालन में अपनी असामाजिक एवं समाज विरोधी गतिविधियांे द्वारा शांति भंग करने का प्रयास कर सकते हैं। उन्होने कहा कि जनपद में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए उपरोक्त असामाजिक एवं शरारती तत्वों के विरूद्ध निवारक कार्यवाही की त्वरित आवश्यकता हो गयी है। इस हेतु अन्य उपचार सीधे उपलब्ध न होने की दशा में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अन्तर्गत प्रसारित आदेश दिनांक 27 जनवरी 2019 को संशोधित कर प्रसारित करने के पर्याप्त आधार है। उन्होने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश दिनांक 27 जनवरी 2019 में संशोधन किये जाने का आदेश पारित किया है। धारा-144 आज की तिथि से तात्कालिक प्रभाव से जनपद आजमगढ़ की सम्पूर्ण सीमा के अन्तर्गत लागू होगा। यह आदेश 08 मई 2019 तक प्रभावी रहेगा। इसके अतिरिक्त 27 जनवरी 2019 को पारित आदेश के सभी प्रस्तर यथावत लागू रहेंगे। उन्होने कहा कि समस्त प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष अपने-अपने थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आदेश का प्रभावी माध्यमों के द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार करवायेंगे। उन्होने कहा कि आदेश को तत्कालिक प्रभाव से पारित करने की आवश्यकता है और समय की कमी है। अतः यह आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किये जा रहे हैं, यदि कोई व्यक्ति इस आदेश के संबंध मे छूट या शिथिलता के लिए आवेदन करना चाहे तो वह अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) या संबंधित उप जिलाधिकारी या जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन कर सकता है, जिस पर सम्यक सुनवाई विचारोपरान्त आवेदन के संबंध मे समुचित आदेश पारित किये जा सकेंगे। इस आदेश का उल्लघंन विभिन्न अधिनियमों मे दिये गये प्राविधानों के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के साथ-साथ भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के अन्तर्गत भी दण्डनीय अपराध होगा। यह आदेश 10 मार्च 2019 को अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन के हस्ताक्षर व न्यायालय की मुहर से निर्गत किया गया है।
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