बीजेपी के सभी नेता जहां ट्विटर पर ’चौकीदार’ लगाए हैं, वहीं आईपी सिंह ’उसूलदार’ लिखे हुए हैं
आजमगढ़: सपा मुखिया अखिलेश यादव के आजमगढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद भाजपा में बगावत के सुर तेज हो गए है। कल्याण सरकार में राज्यमंत्री रहे आइपी सिंह ने अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने पर न केवल खुशी जताई है बल्कि ट्वीट के जरिये अपने घर को चुनाव कार्यालय बनाने का ऑफर भी दे दिया है। आईपी सिंह को सीएम योगी का बेहद करीबी माना जाता रहा है लेकिन हाल में उनके बगावती तेवर को देखते हुए सीएम ने उनसे दूरी बना ली है। यही नहीं एक अन्य ट्वीट में उन्हों वंशवाद को लेकर भी बीजेपी पर खुलकर हमला बोला है। बीजेपी नेता के आफर ने जहां पार्टी की परेशानी बढ़ा दी हैं वहीं सपाई उत्साहित दिख रहे हैं।
बता दें कि समाजवादी पार्टी द्वारा आज सुबह ही अखिलेश के टिकट की घोषणा की गयी है। इसके तत्काल बाद आईपी सिंह ने ट्वीट किया कि “माननीय अखिलेश यादव जी का आजमगढ़ पूर्वांचल से लोकसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा होने के बाद पूर्वांचल की जनता में खुशी की लहर, युवाओं में जोश, आपके आने से पूर्वांचल का विकास होगा, जाति और धर्म की राजनीति का अंत होगा, मुझे खुशी होगी यदि मेरा आवास आपका चुनाव कार्यालय बने“, आईपी सिंह का यह ट्वीट चर्चा का विषय बना हुआ है।
आइपी सिंह पिछले कुछ दिनों से पार्टी के शीर्ष नेताओं से नाराज चल रहे हैं। बीजेपी के सभी नेता जहां ट्विटर पर ’चौकीदार’ लगाए हैं, वहीं आईपी सिंह ’उसूलदार’ लिखे हुए हैं। प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल को लेकर कई बार वह ट्वीट कर अपनी भड़ास निकाल चुके हैं। इसके पीछे प्रमुख 2017 के चुनाव में उन्हें सदर से विधानसभा का टिकट न मिलना माना जा रहा है। रहा सवाल आईपी सिंह के राजनीतिक कैरियर का तो छात्र जीवन में वे एबीवीपी से जुड़े। लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रसंघ महामंत्री भी वे रह चुके हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान वह तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के साथ चुनाव प्रचार में लगे हुए थे।
वर्ष 2014 के चुनाव के पूर्व जब बसपा के दागी नेता बाबू सिंह कुशवाहा को बीजेपी में शामिल किया गया तो प्रदेश कार्यकारिणी में रहते हुए आईपी सिंह ने आवाज उठाई थी, जिसके बाद उन्हें कुछ समय के लिए पार्टी ने निलंबित कर दिया था। बाद में उन्हें पार्टी ने वापस ले लिया था। अब एक बार फिर उनके बगावती तेवर ने पार्टी को असहज कर दिया है। ऐसे समय में जब बीजेपी एक एक सीट को जीतने के लिए सोशल इंजीनियरिंग कर रही है उस समय आईपी सिंह का यह बगावती रूख पार्टी पर भारी पड़ सकता है। कारण कि आईपी सिंह आजमगढ़ शहर से सटे उकरौड़ा के रहने वाले है। बीजेपी का शहरी क्षेत्र में ही सर्वाधिक वोट माना जाता है। चर्चा तो यहा तक शुरू हो गयी है कि बीजेपी में हाशिये पर जाने और सीएम योगी द्वारा मुंह मोड़ने के बाद यह माना जा रहा है कि आईपी सिंह सपा का दामन भी थाम सकते हैं।
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