आजमगढ़: पुलवामा में शहीद हुए 43 वीर जवानों के शहादत पर प्रयास सामाजिक संगठन के बैनर तले रिक्शा स्टैंड स्थित नेकी के बाक्स पर एक शोकसभा का आयोजन किया गया। जिसमे अमर ज्योति के चित्र पर लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए आतंकी घटना की निन्दा कर राष्ट्रहित में लोगों से आगे आने की अपील किया ताकि देश की सुरक्षा में तैनात जवानों को शक्ति प्रदान कर आतंकी संगठनो को करारा जबाव दिया जाये।इस अवसर पर रणजीत सिंह ने कहाकि भारतीय सैनिक उम्दा युद्ध कौशल रण क्षेत्र में वीरता के लिए जाने जाते है उन्हे घात लगाकर विस्फोटक से उड़ा देना नितांत कायराना कृत्य है। निष्ठापूर्वक सीमा पर हिफाजत हमारे सैनिक करते है तब हम घरों में चैन की नींद ले रहे है। सर्वोच्च बलिदान को हंसते हसंते चूम लेने वाली भारतीय सैनिक प्रत्येक भारतीय का लाडला है। यह हमारी निजी क्षति है। उन्होने कहाकि सैनिकों की शहादत पर बोलने का हक राजनैतिक रैलियों का नहीं होना चाहिए और सबूत मांगने वालों को भी बेशर्मी से बांज आना चाहिए। अपना काम ढंग से करिये और सर्टिफिकेट बांटना बंद कीजिए। नगर अध्यक्ष अरूण सिंह ने कहाकि आतंक का कोई मजहब, जाति, क्षेत्र नहीं होता है। कुछ सिरफिरे लोग माहौल में विष घोल व हवा में बारूद उड़ाकर लोकतंत्र का मजाक नहीं उड़ा सकते। सरकारें इन्हे कुचलने के लिए आगे आये अन्यथा कुर्सी छोड़ वापस जायें अगला व्यक्ति इसका निदान खोज लेगा। मां भारती के अमर सपूतों की फेहरिस्त लंबी है। शोकसभा में सीएल यादव, इंजी सुनील, अंगद कुमार, शम्भू दयाल, राजीव, अतुल श्रीवास्तव, सरफराज, उत्कर्ष, प्रज्जवल, अभिषेक सिंह, बृजेश राय, अरविंद, रामजन्म, हरिश्चन्द्र आदि मौजूद रहे।
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