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ऑल इंडिया मुशायरा: आजमगढ़ भाईचारे,मानवता,इंसानियत व साहित्य की धरती है -डा पीयूष सिंह यादव

'लाया हूं बंद करके मैं साफ बोतलों में, किस जात का है लहू कोई डाक्टर बता दे'-शंकर कैमूरी 

'जख्म दिल के जो भर गये होते, हम तो बेमौत मर गये होते'- मैकश आजमी

आजमगढ़: फखरूद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी (उप्र शासन) के सहयोग से खिदमत चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में निस्वां इंटर कालेज पहाड़पुर शहर आजमगढ़ में ऑल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन डा असद गजनवी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में डा पीयूष सिंह यादव मौजूद रहे एवं सम्मेलन का शुभारम्भ एडवोकेट असफर गजनवी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि डा पीयूष सिंह यादव ने कहाकि आजमगढ़ भाईचारे, मानवता, इंसानियत व साहित्य की धरती है। यहां शिब्ली नोमानी, राहुल सांकृत्यायन, हरिऔध, कैफी आजमी आदि रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से भाईचारे का पैगाम दिया। निस्वां इंटर कालेज में आयोजित कार्यक्रम भी इस पैगाम को आगे बढ़ा रहा है जो सराहनीय है। इस तरह के कार्यक्रम जनपद में आयोजित होते रहने चाहिए।
खिदमत चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक जलाल सिद्दीकी ने फखरूद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी और उप्र सरकार के उद्देश्य से भी लोगों को अवगत कराया।
इस उद्बोधन के बाद मालेगॉव महाराष्ट्र से आये मशहूर शायर इमरान राशिद के सफल संचालन में सम्मेलन देर रात तक आयोजित हुआ। शंकर कैमूरी ने नाते पाक पढकर माहौल को पवित्र कर दिया।
इस अवसर पर मुजफ्फरनगर से आये शायर खुर्शीद हैदर ने गैर परो पर उड़ सकते है, हद से हद दीवारो तक, अंबर पर तो वहीं उड़ेगे जिनके अपने पर होंगे सुनाकर श्रोताओं को वाह वाह करने पर मजबूर कर दिया। उज्जैन से आयी शायरा शबाना शबनम ने सिर्फ दो दिन की जिंदगी के लिए, जो भी करना है कर गुजरती हूं सुनाकर दाद हासिल की। शंकर कैमूरी ने भाई चारे का संदेश देते हुये सुनाया कि लाया हूं बंद करके मैं साफ बोतलों में, किस जात का लहू कोई डाक्टर बता दें सुनाकर लोगो ंको सोचने पर मजबूर कर दिया। जनपद की माटी से मैकश आजमी ने जख्म दिल के जो भर गये होते, हम तो बेमौत मर गये होते, डा सरफराज नवाज ने बदन को छोड़ देती है ये सांसें, मोहब्बत छोड़ कर जाती नहीं है सुनाकर लोगों को भाव विभोर कर दिया। इसके अतिरिक्त डा आनंद ओझा, अचानक मऊ, श्रीमती दानिश गजल मेरठ, जमशेद फैजाबादी, रोशन हबीबा रौशनी झारखंड, रफीक गड़बड़, वसीम रामपुरी, शमीम अहमद, मुख्तार मासूम, मजहर जलालपुरी आदि ने अपनी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। अंत में प्रबंधक तारिक ख्वाजा ने आये हुये सभी आगन्तुकों का आभार प्रकट किया।
कवि सम्मेलन में तारिक ख्वाजा, मोहम्मद नोमान, अयाज अहमद खान, आसिम, मोहम्मद शादाब, बजरंग मिश्र, राजीव कुमार तिवारी, डा शाह फरहान अजफर, एम आरिफ नसीम, शमशाद अहमद, शहजाद सनबीम, डा अभय कुमार, एहशान अहमद, अदील अमजद, कलीम अमजद, मो जफर, फारूक अहमद सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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