.

.

.

.
.

आज़मगढ़ : विश्वविद्यालय की लिखित घोषणा की आस में बीता अनशन का 50वाँ दिन

मिठाई बांटने और मिठाई खाने वाले सावधान रहें, यह चुनावी जुमलेबाजी भी हो सकती -लालसा लाल तरंग
केबिनेट प्रस्ताव या शासनादेश आने तक विश्वविद्यालय के लिये अनिश्चिकालीन क्रमिक अनशन जारी रहेगा

आज़मगढ़: जनपद में राज्य आवासीय विश्वविद्यालय की मांग को लेकर अनवरत रूप से दिन रात जारी अनिश्चिकालीन क्रमिक अनशन के 50वें दिन मुख्यमंत्री के सकारात्मक बयान से अभियान से जुड़े लोगों ने आभार प्रकट करते हुए लिखित घोषणा तक अनशन जारी रखा।
केबिनेट मंत्री एवं भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के प्रतिनिधि के रुप में अनशन में पधारे प्रदेश महासचिव शशि प्रकाश सिंह मुन्ना समेदा ने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि एक सप्ताह के भीतर विश्वविद्यालय के लिये केबिनेट में प्रस्ताव आ जाएगा। भाजपा नेता बृजेश यादव ने विश्वविद्यालय की घोषणा के लिये प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय अभियान को बधाई दिया। प्रगतिशील लेखक संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार लालसा लाल तरंग ने कहा कि मिठाई बांटने और मिठाई खाने वाले सावधान रहें, यह चुनावी जुमलेबाजी भी हो सकती है। कर्मचारी नेता गुलाब राय ने कहा कि केबिनेट प्रस्ताव अथवा शासनादेश आने तक विश्वविद्यालय के लिये अनिश्चिकालीन क्रमिक अनशन जारी रहेगा। अभियान के महत्वपूर्ण सदस्य अमित कुमार सिंह ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी पर हमें पूरा विश्वास है कि शीघ्र ही यह प्रक्रिया पूरी की जायेगी। अभियान से जुड़े प्रमोद सोनकर ने कहा कि विश्वविद्यालय के नाम पर जनपदवासियों को पिछले 40 सालों से ठगा जा रहा है। लिखित घोषणा होने पर ही तसल्ली होगी। वरिष्ठ सदस्य शिव बोधन उपाध्याय ने कहा कि पिछली सरकार में लिखित घोषणा होने के बाद प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय देने से इंकार कर दिया। अभियान के सदस्य विवेक उपाध्याय ने कहा कि पिछले
40 सालों से विश्वविद्यालय को लेकर कई बार धोखा दिया गया। संरक्षक नजीर अहमद मंसूरी ने विश्वविद्यालय अभियान और जनपदवासियों की तरफ से सरकार का अत्यंत आभार प्रकट करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की मांग पूरा करने पर पूरा जनपद उनका सदैव ऋणी रहेगा। अनशन प्रभारी राकेश गांधी ने कहा कि धोखा खाये जनपदवासी कोई खतरा नहीं लेना चाहते। इसलिए प्रदेश सरकार जल्दी से जल्दी केबिनेट में प्रस्ताव या शासनादेश लाये।
उल्लेखनीय है कि सन 1978 से आज़मगढ़ में राज्य आवासीय विश्वविद्यालय की मांग होती रही है। पिछली सरकार में भी 6 फरवरी 2015 को लिखित घोषणा भी हो चुकी थी लेकिन बाद में सरकार ने कह दिया कि आज़मगढ़ में विश्वविद्यालय का कोई औचित्य नहीं है। और उसके 4 महीने बाद दिसम्बर 2016 में बलिया में विश्वविद्यालय दे दिया गया जहां मात्र 124 महाविद्यालय हैं जबकि आज़मगढ़ में लगभग 300 महाविद्यालय हैं। इस प्रकार विश्वविद्यालय के मुद्दे पर आज़मगढ़ की जनता को बार बार धोखा दिया गया।
अनशन के 50 वें दिन हिंदू जागरण मंच के विभाग उपाध्यक्ष अजय यादव, रामाश्रय निषाद, पीयूष सिंह, समर प्रताप सिंह, अनूप कुमार गुप्ता, सत्यजीत श्रीवास्तव, रूदल सोनकर, डॉ0सुजीत भूषण, रमेश मौर्य, रविन्द्र नाथ यादव, दिलीप अग्रवाल, रामलगन विश्वकर्मा, गिरीश यादव, सिद्दार्थ गुप्ता, अमित कुमार कन्नौजिया, राजेश कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।

Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment