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आजमगढ़: भारत का समस्त विपुल ज्ञान भंडार संस्कृत में ही निहित है- डा0 वन्दना द्विवेदी

पांच दिवसीय संस्कृत वाग्व्यवहार कार्यशाला का हुआ उद्घाटन

आजमगढ़: उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान एवं राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद के संयुक्त तत्वावधान में पांच दिवसीय संस्कृत वाग्व्यवहार कार्यशाला का उद्घाटन सोमवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में सम्पन्न हुआ। जिसका उद्घाटन अग्रसेन महिला पीजी कालेज की संस्कृत विभागाध्यक्ष व जिला संयोजिका संस्कृत भारती डा0 वन्दना द्विवेदी व भगवान आदर्श पीजी कालेज के प्राचार्य संस्कृत भारती के विभाग प्रमुख डा सहजानन्द पांडेय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डा0 वन्दना द्विवेदी ने कहाकि भारत का समस्त विपुल ज्ञान भंडार संस्कृत में ही निहित है। यदि भारत को जानना है तो हमें संस्कृत की ओर उन्मुख होना पडे़गा। संस्कृत से ही भारतीय संस्कृति प्रबल एवं अक्षुण्ण होगी।
मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद गोरखपुर परिक्षेत्र के समन्वयक नागेश दुबे ने कहाकि संस्कृत का अध्ययन प्राथमिक स्तर पर कराना अनिवार्य रूप से होना चाहिए तभी संस्कृत का सर्वतोन्मुखी विकास हो सकेगा।
विशिष्ट अतिथि डा सहजानन्द पांडेय ने कहा कि बालको का चरित्र निर्माण एक मात्र संस्कृत से ही हो सकता है। इसके लिए प्राथमिक स्तर से संस्कृत का ज्ञान होना नितांत आवश्यक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डायट प्राचार्य अमरनाथ राय ने कहाकि हमें संस्कृत को व्यवहार के साथ-साथ कार्य रूप में शामिल करना होगा तभी संस्कृत का उत्थान हो सकता है। उन्होने अध्यापकों से संवाद करते हुये कहाकि हमारी सबकी सोच एवं चिंतन निरंतर संस्कृत के प्रति होनी चाहिए तभी हमारी सभ्यता एवं संस्कृति सुरक्षित रह सकती है। 5 दिवसीय कार्यशाला में जनपद के विभिन्न ब्लाकों से प्राथमिक शिक्षक प्रत्यक्ष पद्धति एवं आधुनिक तकनीकी पद्धति के माध्यम से संस्कृत संभाषण का प्रशिक्षण लेकर संस्कृत वाक्-व्यवहार हेतु विद्यालयों में संस्कृत के माध्यम से प्रचार प्रसार करेंगे। उप्र संस्कृत संस्थान के प्रशिक्षक के रूप में रंजीत तिवारी, सत्यम तिवारी, गोरखनाथ द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।
अंत में डायट प्रवक्ता एवं नोडल अधिकारी विरेन्द्र प्रताप यादव ने आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन संस्कृत प्रशिक्षक रंजीत तिवारी ने किया।
कार्यशाला में डा जगदम्बा दुबे, आशुतोष श्रीवास्तव, भावना मिश्रा, दिग्विजय नाथ मिश्र, अनिल कुमार त्रिपाठी, अमरजीत निषाद, संगीता मिश्रा, पूनम यादव, परमानन्द राजभर सहित भारी संख्या में शिक्षक प्रशिक्षार्थी मौजूद रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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