आजमगढ़ : सच ही कहा गया है की प्रतिभाएं किसी की मोहताज नहीं होती है कुछ ऐसा ही हुआ आजमगढ़ शहर के निकट स्थित देवपार के रहने वाले धनंजय यादव के साथ। एक साधारण दर्जी के पुत्र धनंजय को यूपी अंडर 14 क्रिकेट टीम की कमान दे दी गई है। इस खबर हर आजमगढ़ वासी गर्व से फूला नहीं समां रहा है। साधारण रूप से टेलरिंग का काम कर रहे जिस हरेंद्र यादव ने अपने जीवन में कभी भी क्रिकेट के बल्ले को छुआ तक नहीं उनका बेटा उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के द्वारा अंडर 14 टीम का कप्तान मनोनीत किया गया है। बेटे की सफलता पर हरेंद्र और उसके परिवार सहित पूरे क्षेत्र वालों को नाज है। हरेंद्र के मुताबिक धनंजय बचपन से ही क्रिकेट मैं अपना कैरियर बनाना चाहता था और उसने आजमगढ़ में ही क्रिकेट खेला। पिता अपने बेटे की ख्वाहिश को पूरी करने के लिए अपनी कमाई का आधा हिस्सा उसे क्रिकेट खेलने को दे देते थे लेकिन इससे उसकी पूर्ति नहीं होती थ। निर्णायक मोड़ तब आया जब साल 2014 में सैफई के मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स कॉलेज में जब धनंजय ने अपना ट्रायल दिया तो उसे वहां दाखिला मिल गया और साल 2015 में शहर की क्रिकेट सुपीरियर स्पिरिट ऑफ़ स्पोर्ट्स अकैडमी से जुड़कर शहर के क्लबों के खिलाफ उसने क्रिकेट भी खेला। आज अपनी प्रतिभा और प्रदर्शन के डीएम पर वह उत्तर प्रदेश की टीम का कप्तान बन बैठा है। इससे उसकी मां को भी बेटे की सफलता पर उतना ही नाज है जितना उनके पिता को। धनंजय की मां का कहना है कि बेटे के इस चयन से वह बहुत खुश हैं उन्हें इस बात की सूचना फोन से मिली है। घर में घरेलू काम और अभाव में अपना जीवन बिताने वाली यह महिला आज अपने बेटे की कामयाबी का जश्न मना रही है उधर धनंजय की सफलता से पूरे गांव वाले भी खुश हैं सभी एक दूसरे को बधाइयां दे रहे हैं गांव वालों के मुताबिक धनंजय और हरेंद्र का परिवार काफी ग़रीबी जिले हुआ है ऐसे में धनंजय ने केवल अपने मां बाप का ही नहीं बल्कि पूरे गांव और जिले का नाम रोशन किया है।
Blogger Comment
Facebook Comment