आजमगढ़। सीडीओ कमलेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में 70 लाख सौर ऊर्जा लैंप वितरण योजना को लेकर बैठक हुई। उन्होंने बताया कि महिलाओं को रोजगार, बच्चों को स्टडी सौर ऊर्जा लैंप दिया जाएगा। योजना के प्रथम चरण की शुरुआत ठेकमा से शुरू होगी।योजना के हेड राज्य परियोजना प्रबंधक शैलेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि 70 लाख सौर ऊर्जा लैंप वितरण योजना चलाई जा रही है। योजना केंद्र सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय एवं आईआईटी मुंबई, ईईएसएल, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संयुक्त तत्वावधान में चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत समूह की महिलाएं असेंबली एवं डिस्ट्रीब्यूशन, रिपेयरिंग, सौर उद्यमी का कार्य करेंगी। उद्देश्य है कि महिलाओं को रोजगार और स्कूल जाने वाले ग्रामीण बच्चों को प्रकाश मिले। प्रारम्भिक से माध्यमिक स्तर तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने के लिए स्कूल में लैंप वितरण 100 रुपये में किया जाएगा। लैंप का वास्तविक मूल्य 700 रुपये है। लैंप को असेंबल करने के लिए 12 रुपये प्रति लैंप और वितरण के लिए 17 रुपये प्रति लैंप समूह की महिलाओं को दिया जाएगा। इससे महिलाएं एक दिन में 300 से 400 रुपये आमदनी कर सकती हैं। सोलर लैंप योजना बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए काफी मददगार साबित होगी। सीडीओ ने बताया कि यह परियोजना उन क्षेत्रों में चलाई जा रही है, जहां पर बिजली का कनेक्शन नहीं है। पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण आजमगढ़। सोलर लैंप प्रशिक्षण के बाद समूह की महिलाएं असेंबल एवं डिस्ट्रीब्यूशन का कार्य करेंगी। चयनित महिलाओं का जनपद स्तरीय 5 दिवसीय लैंप आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। ब्लाक में एक असेंबल एवं डिस्ट्रीब्यूशन केंद्र स्थापित किया जाएगा। ब्लाक में 56 हजार बच्चों को लैंप वितरण किया जाएगा। 80 महिलाओं को रोजगार मिलेगा। प्रशिक्षण आईआईटी मुंबई के इंजीनियर की ओर से दिया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम दिसंबर के अंतिम सप्ताह में होगा। अब तक 1300 को रोजगार आजमगढ़। योजना के अंतर्गत 1300 महिलाओं को रोजगार मिल चुका है। लैंप खराब होता है तो दिसंबर 2019 तक उसकी वारंटी है। मरम्मत नि:शुल्क की जाएगी। अभी तक 100 रिपेयर सेंटर खोले जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में यह योजना 29 जनपद के 115 ब्लाकों में लागू की गई है। असेंबल एवं डिस्ट्रीब्यूशन केंद्र जहां भी स्थापित किया जाना है, उस जगह मॉडल बनाए जाएंगे।
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