तमसा अभियान की तरह ही कुछ करने की जरूरत अतिक्रमणकारियों ने नाले में तब्दील कर दिया है इस अनोखी जलधारा को फरिहा/आजमगढ। आज हम आपको निजामाबाद तहसील अन्तर्गत एक ऐसी नदी के बारे मे बताने जा रहे है कि आप सोच कर हैरान हो जायेगें। यह नदी निजामाबाद तहसील के कुछ दूरी से बहती हुई जाती है। एक आश्चर्य करने वाली बात यह है कि क्षेत्र की सब नदियां पश्चिम से पुर्व दिशा मे बहती लेकिन यह अकेली नदी है जो पुर्व से पश्चिम की तरफ बहती है , स्थानिय लोग इस नदी को बघाड़ी नदी के नाम से जानते है। पर आज इस नदी का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर पहुच गया है। इस नदी को लोग अतिक्रमण करके इसपर खेती व मकान,स्कूल का निर्माण करते जा रहे है। इस नदी पर कभी सफाई नही की जाती है और यह नदी दिनोदिन लोगो द्वारा अतिक्रमण का शिकार हो रही है। वहीँ स्थानीय प्रशासन बेखबर है। वही गर्मी के समय मे जंगली जानवरो के लिए पानी की समस्या बनती जा रही है। निजामाबाद तहसील से दक्षिण तरफ लगभग 200 मीटर की दूरी पर यह नदी बहती है। लेकिन किसी भी अधिकारी की नजर इस नदी पर नही पड़ती कि आये दिन यह नदी अतिक्रमण का शिकार हो रही है आने वाले समय मे यह प्राकृतिक नदी का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। क्षेत्र के लोगो ने जिलाधिकारी से मांग किया मां तमसा की जिस तरह से सफाई हो रही है उसी तरह यहां भी अभियान चला कर नदी को निर्मल,स्वच्छ बनाया जाये जिससें इसमें पानी की स्तर बरकरार रहे और साथ ही यह भी मांग भी किया नदी के किनारे हुए अतिक्रमण को अभियान चला कर हटाया जाये जिससें सरकारी जमीनों को कब्जे से मुक्त कराया जाये। यदि प्रशासन इस पर पहल किया तो क्षेत्र के ग्रामीण अगली रणनीती बनायेगें। वही क्षेत्रीय लोगो ने आरोप लगाया कि तहसील प्रशासन भी इस समस्या से बेखबर है। एक तरफ केन्द्र व प्रदेश सरकार नदियों को साफ सुथरा बनाये रखने के लिए तमाम योजनाएं व कार्यक्रम कर रही है लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा कुछ नही किया जा रहा है। इस अनोखे गुण वाली नदी को आज कुछ लोगो ने कब्जा करके खेत और बिल्डिंग में तब्दील कर दिया है।
Blogger Comment
Facebook Comment