आजमगढ़ : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर मिट्टी भराई के लिए बंजर जमीन से खुदाई के दौरान चार दिन पहले तीन फिट की एक देव प्रतिमा मिलने के बाद खुदाई रोक दी गई। ग्रामीणों के एक पक्ष ने मूर्ति को गांव के देवालय पर रख कर उसकी पूजा-अर्चना शुरू कर दी लेकिन बाद में मूर्ति को लेकर गांव में तनातनी का माहौल बन गया । दलित वर्ग का कहना है कि मूर्ति भगवान बुद्ध की है, इसका मंदिर बनना चाहिए। वहीं, यादव और अन्य बिरादरी के लोगों का कहना है कि मूर्ति उनके देवी-देवता की है। इसकी पूजा हम करेंगे। एसपी के निर्देश पर पहुंचे एसओ मूर्ति को थाने ले गए। कंधरापुर थाना क्षेत्र के मोहिउद्दीनपुर ग्राम सभा के राजस्व ग्राम खैरूद्दीनपुर में भी बंजर जमीन से मिट्टी निकालने के लिए खुदाई हो रही थी। चार दिन पहले खुदाई के दौरान एक मूर्ति निकली। कुछ बच्चों ने मूर्ति देखी तो इसकी सूचना गांव में दी। इस पर एक पक्ष ने मूर्ति साफ करवा कर पास के शिव मंदिर पर रखवा दी और इसकी पूजा भी शुरू हो गई। इस दौरान मोहउद्दीन के दलित समाज के लोग पहुंचे और कहा कि मूर्ति भगवान बुद्ध की है। उन्होंने प्रधान से जमीन की मांग की ताकि इसका मंदिर बनवाया जाए। वहीं यादव और अन्य बिरादरी के लोगों का दावा है कि ये उनके देवता की मूर्ति है। यह शिव मंदिर से 50 मीटर दूर खुदाई में मिली है। यहीं स्थापित होगी। इस मुद्दे को लेकर दोनों पक्षों में तनाव का माहौल हो गया । मामले की जानकारी मिलने पर एसपी रवि शंकर छवि ने एसओ कंधरापुर बृजेश यादव को मौंके पर भेजा। लेखपाल जितेंद्र कुमार भी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन वो अपनी बता पर अड़ रहे। फिर एसओ मूर्ति को लेकर थाने चले गए। कहा कि अब पुरातत्व विभाग ही यह फैसला करेगा की मूर्ति किसकी है। यहीं पर इसकी जांच कराई जाएगी।
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