गोद लिए हुए गाँवों में कुपोषित बच्चों की सूची तैयार करें अधिकारी -डीएम
आजमगढ़:: जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पोषण समिति की बैठक सम्पन्न हुई। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने 82 राजस्व गांव गोद लिये हुए जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में ग्रामवार कुपोषित बच्चों की सूची तैयार करें कि कितने बच्चे लाल श्रेणी में हैं तथा कितने बच्चे लाल श्रेणी से बाहर हैं तथा अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करें तथा उसका वजन भी करायें तथा जरूरत पड़ने पर उसको एनआरसी पर भेजें तथा यह ही देखें कि गर्मवती महिलाओं तथा अन्य बच्चों को पुष्टाहार मिल रहा है कि नही। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अन्तर्गत शौचालय निर्माण के संबंध में कितने शौचालय बने हैं तथा कितने बाकि हैं, इसी के साथ मिड-डे-मिल तथा मनरेगा के अन्तर्गत कार्य की प्रगति के संबंध में रिपोर्ट उपलब्ध करायें तथा जहां शौचालय निर्माण बाकि है उसे पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 रविन्द्र कुमार, डीपीओ इफ्तेखार अहमद, सीडीपीओ आदि संबंधित गांव गोद लिये हुए जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने बताया कि आजमगढ़ में सरकारी एवं निजी क्षेत्रों के अन्तर्गत संचालित चिकित्सालयों व नर्सिंग होम द्वारा उत्सर्जित बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेन्ट के निस्तारण के समुचित व्यवस्था न होने के कारण जनपद/नगर में उत्पन्न गंभीर प्रदूषण की समस्या के निदान के संबंध मे पूर्व में मुख्य चिकित्साधिकारी को समुचित व्यवस्था के साथ-साथ कार्ययोजना तैयार कराकर तद्नुसार बायो-मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने की अपेक्षा की गयी थी, किन्तु अभी तक उक्त के संबंध में कोई कार्यवाही संभव नही हो सकी है। उन्होने कहा कि एतद्वारा जनपद आजमगढ़ के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में सरकारी एवं निजी क्षेत्रों के अन्तर्गत संचालित चिकित्सालयों व नर्सिंग होम द्वारा उत्सर्जित बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेन्ट के निस्तारण के अनुश्रवण हेतु 3 सदस्यीय समिति गठित करने के निर्देश दिये हैं, जिसमें डॉ0 बीके अग्रवाल अपर मुख्य चिकित्साधिकारी/नगर स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ0 सुभाष पटेरिया क्वालिटी मैनेजर, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी शामिल हैं। उन्होने गठित टीम से अपेक्षा की है कि वह मुख्य चिकित्साधिकारी आजमगढ़ से सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों व नर्सिंग होम की सूची प्राप्त कर उनका भ्रमण व निरीक्षण करेंगे तथा यह देखेंगे कि संबंधित चिकित्सालय द्वारा बायो-मेडिकल वेस्ट निस्तारण की समुचित व्यवस्था की गयी है अथवा नही, यदि नही की गयी है तो सीएमओ के स्तर से संबंधित चिकित्सालयों को नोटिस जारी कराते हुए शासन द्वारा बायो-मेडिकल वेस्ट प्रबंधन के संबंध में निर्धारित मानक के अनुसार व्यवस्था सुनिश्चित करायी जायेगी।
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