भागवत ज्ञान, वैराग्य संग हृदय में जगाती है भक्ति : राधा किशोरी कथा का लाइव प्रसारण 'आस्था भजन' चैनल पर 185 देशों में किया जा रहा है
आजमगढ: नगर के पहाड़पुर स्थित श्री कृष्ण गौशाला समिति के शताब्दी वर्ष पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का प्रारंभ पूरे विधि विधान से मंगलवार को हुआ। कार्यक्रम संयोजक अभिषेक जायसवाल दीनू व समिति के अध्यक्ष अनूप अग्रवाल ने सर्वप्रथम कथा व्यास राधा किशोरी जी की आरती उतारते हुए आजमगढ़ की धरती पर स्वागत किया। प्रथम दिन राधा किशोरी नें भागवत जी का महात्म भक्ति ज्ञान वैराग्य का प्रसंग और धुंधकारी के उद्धार का मंगलमय वर्णन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरा नगर क्षेत्र राधे-राधे के जयकारों से गुंजायमान रहा। बता दें कि शताब्दी वर्ष को यादगार बनाने के लिए श्रीमद् भागवत का आयोजन किया गया है, कथा से प्राप्त दानराशि को दिव्यांग की सेवा करने वाली नारायण सेवा संस्थान उदयपुर को सहायतार्थ दिया जायेगा। इस कथा का लाइव प्रसारण सीधे 185 देशों में किया जा रहा है। श्रीकृष्ण गौशाला स्थित कथा स्थल पर पहुंची कथा व्यास राधा किशोरी जी ने मुख्य यजमान अभिषेक जायसवाल दीनू संग कलश पूजन के साथ कथा प्रारम्भ कर श्रद्धालुओं को राधे-राधे के जयकारों से रस्सादित किया। कथा व्यास राधा किशोरी ने भागवत कथा का महात्म बताते हुए कहा कि भागवत कथा से ज्ञान, वैराग्य और हृदय में भक्ति जागृत होती है। भागवत कथा से धुंधकारी जैसे प्रेत का भी उद्धार हो गया था। जहां भागवत कथा होती है, वहां सारे तीर्थ विराजमान होते हैं। अमृत ईश्वर प्राप्ति नहीं करा सकता, जबकि भागवत कथा से ईश्वर प्राप्ति होती है। उन्होंने एक वृतांत सुनाते हुए कहा कि जब सुकदेव महाराज परीक्षत को भागवत कथा सुना रहे थे। तब देवगण अमृत कलश लेकर आए और सुकदेव जी महाराज से कहा कि यह अमृत परीक्षत को पिला दो और कथा हमको दे दो। इस पर परीक्षत ने पूछा कि महाराज कथा और अमृत में क्या अन्तर है। उन्होंने कहा कि अमृत पान के बाद भी जीव को भवसागर से मुक्ति नहीं मिलती, जबकि भागवत मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। कथा के अंत में कार्यक्रम आयोजक अभिषेक जायसवाल, अनूप अग्रवाल, मनोज खेतान, भोलानाथ जालान आदि ने भागवत कथा की आरती उतारकर प्रसाद वितरित किया। अंत में कार्यक्रम संयोजक अभिषेक जायसवाल व गौरव अग्रवाल ने सभी से अपील किया कि कथाव्यास राधा किशोरी जी के ओजस्वी वाणी से मधुर भजनों के मध्य श्रीमद् भागवत कथा के प्रसंगों का रसपान कर पुण्य के भागी बनें। इस अवसर पर अशोक रूंगटा, गौरव अग्रवाल, विनय रूंगटा, डा आरबी त्रिपाठी, डा शिशिर जायसवाल, डा निर्मल, अंकित अग्रवाल, अनिल खंडेलिया, अजय अग्रवाल, गौरव अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, बाबी अग्रवाल, विरेन्द्र बर्नवाल, अशोक गर्ग आदि मौजूद रहे।
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