स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं का हौसला जनपद की तस्वीर बदल सकता है -मंडलायुक्त स्वयं सहायता समूह की महिलायें आत्म निर्भर बनें, जिससे घर व समाज में नाम हो -डीएम आजमगढ़ 01 नवम्बर 2018-- आयुक्त आजमगढ़ मण्डल आजमगढ जगत राज एवं जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी द्वारा संयुक्त रूप से सरस्वती के चित्र प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलित कर दीन दयाल अन्त्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फण्ड, सीआईएफ, बीआरएफ, एलएचएफ एवं वीओ, स्टार्टअप वितरण हेतु मेगा कैम्प का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर आजीविका मिशन की महिलाओं द्वारा आयुक्त आजमढ़ मण्डल आजमगढ़ एवं जिलाधिकारी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आयुक्त आजमढ़ मण्डल आजमगढ़ एवं जिलाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से एनआरएलएम विभाग द्वारा स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फण्ड, सीआईएफ, बीआरएफ, एलएचएफ एवं वीओ, स्टार्टअप वितरण हेतु डेमो चेक रू0 04 करोड़ 72 लाख 58 हजार 08 सौ की धनराशि दिया गया। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया। इस अवसर पर आयुक्त आजमगढ़ मण्डल आजमगढ़ जगत राज ने कहा कि आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों को जो पैसा दिया गया है उसका पूरा सदुपयोग होना चाहिए। उन्होने कहा कि आज जो स्वयं सेवी सहायता समूहों की महिलाओं ने अपनी जुबानी अपनी कहानी के माध्यम से विचार व्यक्त किया, यदि ग्रामीण क्षेत्र की महिलायें भी अपनी-अपनी विचारों में आजीविका मिशन के प्रति क्रान्तिकारी परिवर्तन करें तो इस जनपद को आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता है। आज स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं का जो हौसला देखने को मिल रहा है यदि हर बहन को यह हौसला आ जाये तो इस जनपद की तस्वीर बदलने में देर नही लगेगी। उन्होने कहा कि जब आप अपने को महत्व देंगे तथा अपना अस्तित्व समझेंगे तभी समाज आपके अस्तित्व को समझेगा, जीवन तो हर कोई जी रहा है लेकिन आपको अपना जीवन सम्मान से जीना चाहिए, यह सम्मान तभी आयेगा जब आर्थिक रूप से आप निर्भर बनेंगीं। उन्होने डीसी एनआरएलएम बीके मोहन से कहा कि स्वयं सेवी सहायता समूहों की महिलायें जो उत्पाद बना रही हैं उसकी बिक्री करने की भी रणनीति बनायें। इस अवसर पर जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलायें आत्म निर्भर बनें यदि वो आत्मनिर्भर बनेंगी तो पूरा परिवार आगे बढ़ता है और उसका घर और समाज में नाम होता है। उन्होेने कहा कि इस समय जनपद को ओडिएफ करने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होेने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से कहा कि जो महिलायें राजमिस्त्री का प्रशिक्षण करना चाहती हैं, वे प्रशिक्षण प्राप्त कर सकती हैं तथा प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन 400रू0 दिया जायेगा और प्रशिक्षण के बाद शौचालय का निर्माण करने पर प्रतिदिन 400रू0 की दर से मजदूरी भी दिया जायेगा। जो महिला प्रशिक्षण प्राप्त कर लेंगी उन्हें रानी मिस्त्री कहा जायेगा। इस अवसर पर स्वयं सहायता समूह की बहनों द्वारा अपने-अपने विचार अपनी जुबानी अपनी कहानी के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन एनआरएलएम के जिला प्रबंधक गुलाब चन्द सरोज द्वारा किया गया। इस अवसर पर संयुक्त विकास आयुक्त हरिश्चन्द्र वर्मा, परियोजना निदेशक दुर्गादत्त शुक्ल, जिला सूचना अधिकारी डाॅ0 जितेन्द्र प्रताप सिंह उपस्थित रहे।
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