आज़मगढ़ : प्रदेश के काबीना मंत्री शनिवार को भी खुद की समर्थित प्रदेश सरकार पर हमलावर नजर आये। ओमप्रकाश राजभर ने कहा की इस सरकार में रहते हुए दुख इस बात का है कि कुछ लोग मलाई चमचम खीर खा रहे है और कुछ को सूखी रोटी भी नसीब नही हो रही है। मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा और अमित शाह पर जम कर भड़ास निकाला और वादा खिलाफी का आरोप लगाया। वे अपनी आवाज़ को दलित, अल्पसंख्यक व पिछड़ा की आवाज़ बताने में लगे रहे। वहीं उनोने सीएम, अमित शाह पर तंज कसा कि इस सरकार में उन्हें इतना सम्मान मिला कि सीएम को लिखने के बाद भी घर के सामने 200 मीटर लम्बी रोड नहीं बन पायी। आगे कहा की उन्होंने कार्यालय के लिए जमीन माँगा लेकिन नहीं मिली जबकि बीजेपी के पास न जाने कौन सी फैक्ट्री है कि देश की राजधानी से लेकर हर जिला मुख्यालय पर जमीन खरीद कर बड़े बड़े कार्यालय खोले जा रहे हैं। बीजेपी के लोगों को निगमों का पदाधिकारी व मेंबर बनाया जा रहा है लेकिन सहयोगी दल को नहीं पूछा जा रहा। अपना दल एस, बिहार के कुशवाहा, शिवसेना से बीजेपी के रिश्तों की खटास पर भी निशाने पर लिया। ओमप्रकाश राजभर के बोल में 2019 का चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है वैसे वैसे मामला तीखा होता जा रहा है और उसमें धीरे धीरे भाजपा के विरुद्ध धार तेज़ होती जा रही है । आज़मगढ़ आये ओमप्रकाश ने अपने पार्टी के अल्पसंख्यक प्रदेश अध्यक्ष के यहां बात-चीत में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को आड़े हाथों लेते हुए बोला कि उन्होंने मुझसे कई वादे किए थे जिसको उन्होंने पूरा नही किया। साथ ही मंत्री ने सरकार से टकराहट के कई कारण को खुल कर बताया। कहा की पिछड़ा व सामाजिक न्याय समिति में पिछड़ा, अति पिछड़ा व सर्वाधिक पिछड़ा को बाँट कर सिफारिश को लागू करने को लेकर लेकर अमित शाह से तमाम भरोसा मिला लेकिन अब आगे लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जनवरी फरवरी तक जारी हो जायेगी तब यह फिर लटक जाएगा । कहा संविधान की शपथ लेने के बाद भी चुनाव आते ही राम मंदिर को बनाने की बात कर क्यो गुमराह किया जा रहा है। 2014 में सरकार बनी अब 19 आ गया तो राम मंदिर की याद आयी। मुगलों के जमाने में हिन्दू खतरे में नहीं था। लेकिन अब दिल्ली से लेकर लखनऊ तक हिन्दू खतरे में हो गया। वास्तव में न हिन्दू न मुसलमान खतरे में है बल्कि नेता की कुर्सी खतरे में है। बीजेपी सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ शराब की दुकान चला रहे दूसरी तरफ मद्यपान निषेध विभाग भी खोल रखा है क्यों नहीं गुजरात, बिहार की तरह यहाँ शराब बंदी नहीं हो रही है ।
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