आजमगढ़ : देव दीपावली पर शुक्रवार की शाम को शहर का गौरीशंकर घाट हजारों दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। ऐसा नजारा लग रहा था कि जैसे तारे जमीन पर उतर आए हों। एक साथ हजारो दीपक जल रहे थे। दीपक की कतारें लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थीं। सबसे खूबसूरत नजारा हथिया पल से देखने को मिल रहा था। दीप जलते ही सेल्फी खींचने वालों का रेला लग गया।मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था। इसी वजह से इसे त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसी के साथ कार्तिक पूर्णिमा की शाम भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार उत्पन्न हुआ था। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि गंगा स्नान के बाद किनारे दीपदान करने से दस यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है। विभिन्न संगठनों के लोग दोपहर से ही दीपदान की तैयारी में जुटे हुए थे। महिलाएं व छात्राएं आकर्षक ढंग से दीप सजा रही थीं। जैसे ही शाम हुई , एक साथ सभी दीपक जलाए गए। इससे पूरा गौरीशंकर घाट ही झिलमिल सितारों की तरह दीपों की रोशनी से नहा उठा। बताया गया की गौरीशंकर घाट पर लगभग 11 हजार दीपक जलाये गए।
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